रूस और चीन ने बुधवार को मानवीय सहायता पहुंच, नागरिकों की सुरक्षा और गाजा पट्टी में उग्रवादी हमास व अन्य को हथियार देने पर रोक लगाने के लिए लड़ाई को रोकने का आह्वान करते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से इजरायल-हमास संघर्ष पर कार्रवाई करने के अमेरिकी प्रयास को वीटो (वीटो किसी आधिकारिक कार्रवाई को एकतरफा रोकने की कानूनी शक्ति है) कर दिया.
रॉयटर्स के अनुसार गाजा में बिगड़ते मानवीय संकट और नागरिकों की बढ़ती मौत के कारण वैश्विक आक्रोश बढ़ने पर संयुक्त राज्य अमेरिका ने शनिवार को एक मसौदा प्रस्ताव पेश किया. इसने यह कदम ब्राजील के मानवतावादी केंद्रित मसौदे को वीटो करने के कुछ ही दिनों बाद उठाया, जिसमें तर्क दिया गया कि अमेरिकी नेतृत्व वाली कूटनीति के लिए अधिक समय की आवश्यकता है.
प्रारंभिक अमेरिकी टेक्सट ने कई डिप्लोमेट्स को चौंका दिया क्योंकि उसमें कहा गया था कि इजरायल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है. साथ ही उसमें ईरान से आतंकवादी समूहों को हथियार निर्यात बंद करने की मांग की गई थी. इसमें सहायता पहुंच के लिए मानवीय एड का आह्वान शामिल नहीं था. हालांकि, इसने मतदान के लिए रखे गए अंतिम टेक्सट को काफी हद तक नरम कर दिया.
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने दोहरे वीटो के बाद 15 सदस्यीय परिषद को बताया, "हमने आप सभी की बात सुनी, जिसे उन्होंने निराशाजनक बताया. हालांकि आज का वोट एक झटका था, हमें निराश नहीं होना चाहिए."
सुरक्षा परिषद की कार्रवाई का सुझाव देना संयुक्त राज्य अमेरिका का एक रेयर कदम था. वाशिंगटन ने पारंपरिक रूप से विश्व निकाय में अपने सहयोगी इज़राइल का बचाव किया है.
दस सदस्यों ने अमेरिकी टेक्स्ट के पक्ष में मतदान किया, जबकि संयुक्त अरब अमीरात ने विरोध में मतदान किया और ब्राजील और मोज़ाम्बिक अनुपस्थित रहे.
चीन के संयुक्त राष्ट्र राजदूत झांग जून ने मतदान के बाद परिषद को बताया, "मसौदा युद्धविराम, लड़ाई की समाप्ति के लिए दुनिया की सबसे मजबूत कॉल को प्रतिबिंबित नहीं करता है और यह मुद्दे को हल करने में मदद नहीं करता है. इस समय, युद्धविराम केवल एक राजनयिक शब्द नहीं है. इसका अर्थ है कई नागरिकों का जीवन और मृत्यु है." मालूम हो कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस मानवीय युद्धविराम की अपील करते रहे हैं.
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