Rishi Sunak की 5 बड़ी चुनौतियां जो तोड़ सकती हैं उनका UK में अगला PM बनने का सपना

ब्रिटेन(UK) में बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) के बाद भारतीय-ब्रिटिश (Indian-British) मूल के ऋषि सुनाक (Rishi Sunak) की प्रधानमंत्री बनने की संभावनाएं प्रबल हैं. लेकिन सत्ताधारी कंजरवेटिव पार्टी (Conservative Party Leader) के लीडर और प्रधानमंत्री (PM) पद तक पहुंचने के लिए ऋषि सुनाक के सामने कई चुनौतियां भी मौजूद हैं.

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Rishi Sunak ब्रिटेन में भारतीय-ब्रिटिश मूल के पहले प्रधानमंत्री बन सकते हैं ( File Photo)

भारतीय-ब्रिटिश मूल के ऋषि सुनाक (Rishi Sunak) ब्रिटेन (UK) में सत्ताधारी कंज़रवेटिव पार्टी के नेता (Conservative Party Lea और अगले ब्रिटिश प्रधानमंत्री (Next PM) के पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर चुके हैं. कंजरवेटिव पार्टी के लीडर पद से इस्तीफा दे चुके बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) के बाद  42 साल के ऋषि सुनाक के ब्रिटेन का अगला प्रधानमंत्री बनने की संभावनाएं भी प्रबल हैं. लेकिन कंजरवेटिव पार्टी के नेता और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद तक पहुंचने के लिए ऋषि सुनाक के सामने ये बड़ी चुनौतियां भी मौजूद हैं. :- 

1) मंहगाई तोड़ रही 40 साल के रिकॉर्ड  

ब्रिटेन में ऋषि सुनाक के वित्त मंत्री रहने के दौरान जीवयापन की कीमत काफी बढ़ गई और बिजली के बिल बेतहाशा बढ़े.  द गार्डियन के अनुसार, ब्रिटेन में फिलहाल महंगाई 40 सालों में सबसे ऊंची दर पर है और यह 11% पर पहुंच गई है. ब्रिटेन की जनता और कारोबारी पहले ही करों के दबाव में है और ऋषि सुनाक वित्त मंत्री के तौर पर करभार घटाने के पक्ष में नहीं थे. उनके अनुसार टैक्स घटाने से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा. लेकिन उनके इस विचार की काफी आलोचना हो चुकी है. कंजरवेटिव पार्टी के लीडर की दौड़ में भी ऋषि सुनाक को छोड़ कर बाकी लगभग सभी दावेदार कारोबारियों, कर्मचारियों और ग्राहकों के लिए कर घटाने की बाक कर रहे हैं. इससे ऋषि सुनाक को लेकर राजनैतिक माहौल अनमना हो सकता है.  

2)  ब्रिटेन में 30 साल की सबसे बड़ी रेलवे हड़ताल 

इस साल पिछले महीने जून के आखिर में ब्रिटेन में पिछले 30 सालों में सबसे बड़ी रेल हड़ताल हुई. ब्रिटेन में रेलवे में काम करने वाले हजारों कर्मचारी कम से कम 7% तनख्वाह बढ़ाए जाने की मांग कर रहे थे.  जब सरकार ने इसे नहीं माना तो इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स में यात्रियों को बड़े पैमाने पर रेल सेवाएं बाधिक होने के कारण परेशान होना पड़ा. इस हड़ताल से पहले सरकार और रेलवे कर्मचारियों की एक वार्ता हुई थी जो सफल नहीं हो पाई थी. रेल यूनियन के जनरल सेक्रेट्री माइक लिंच ने इससे लिए सीधे तौर पर तत्तकालीन वित्त मंत्री ऋषि सुनाक को जिम्मेदार ठहराया था. बीबीसी के अनुसार,  उन्होंने कहा था, " हम यह समझ चुके हैं कि इस टोरी सरकार के हाथ बंधे हुए हैं और रेलवे की दिक्कतों के लिए  ऋषि सुनाक ज़िम्मेदार हैं." यह मुद्दा अभी तक पूरा तरह से सुलझा नहीं है और रेलवे कर्मचारियों और उनके परिवार का एक वोट बैंक है.  

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3) कामकाजी वर्ग को लेकर की गई टिप्पणी हुई वायरल 

हाल ही में ऋषि सुनाक का एक पुराना वीडियो वायरल हुआ, जिसमें  2001 में बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में वो यह कहते नजर आ रहे हैं कि उनके ब्रिटेन के ऊंचे और अमीर घरानों के दोस्त  हैं लेकिन कामकाजी वर्ग से उनके दोस्त नहीं है. यह 7 सेकेंड की क्लिप जमकर वायरल हो रही है. इस क्लिप से ऋषि के जीतने की संभावना पर पानी फिर सकता है. 

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4) पत्नि का नॉन डॉमेसाइल टैक्स स्टेटस 

ऋषि सुनाक के की पत्नि अक्षता मूर्ती इंफोसिस के फाउंडर एनआर नारायण मूर्ती की बेटी हैं. वो काफी सालों से ब्रिटेन में हैं.  उनकी ब्रिटेन में अच्छी खासी आय है लेकिन अक्षता ब्रिटिश नागरिकों जितना कर्ज नहीं भरती हैं.  इसका कारण यह है कि अक्षता मूर्ती ने अभी तक अपनी नागरिकता भारत की रखी है और ब्रिटिश नागरिकता नहीं ली है. आलोचकों का कहना है कि भारी टैक्स चुकाने से बचने के लिए ऋषि सुनाक की पत्नि ने अब तक नॉन डॉमेसाइल टैक्स स्टेटस बना रखा है. इसे लेकर पिछले दिनों खासा विवाद भी हुआ था.  

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5) बोरिस जॉनसन के साथ पार्टीगेट में आया नाम 

ऋषि सुनाक बोरिस जॉनसन सरकार में वित्त मंत्री रहे. जब बोरिस जॉनसन कोरोना काल में प्रधानमंत्री आवास पर नियमों को तोड़कर हुई पार्टी के मामले में फंसे तो इस कांड में ऋषि सुनाक का भी नाम आया था. इसके साथ ही उन्हें कोरोना काल में नियमों को तोड़ने के लिए फाइन भी चुकाना पड़ा था.  
 

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