आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) एक ऐसा माध्यम बन गया है, जिसकी मदद से हम कुछ भी कर सकते हैं. इस तकनीक से किसी भी इंसान की हम कई तस्वीरें, वीडियो डेवलप कर सकते हैं. किसी की आवाज नकल कर सकते हैं. आए दिन सोशल मीडिया पर हम देख भी सकते हैं. कई रिसर्चर्स दावा करते हैं कि एआई वो हर काम कर सकता है जो इंसान करते हैं. अभी हाल ही में आबू धाबी स्थित मोहम्मद बिन ज़ायेद विश्वविद्यालय में दावा किया गया है कि एआई(AI Can Convincingly Mimic A Person's Handwriting) की मदद से किसी भी इंसान की हैंडराइटिंग की नकल की जा सकती है.
मोहम्मद बिन जाएद विश्वविद्यालय (Mohamed bin Zayed University of Artificial Intelligence) के शोधार्थियों ने एआई की मदद से एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जिसकी मदद से किसी भी इंसान की हैंडराइटिंग की नकल की जा सकती है. एक पाराग्राफ देखने के बाद एआई की मदद से वैसी हैंडराइटिंग की नकल की जा सकती है. शोधार्थियों ने बताया कि ये बिल्कुल संभव है.
मोहम्मद बिन जाएद विश्वविद्यालय खुद को दुनिया का इकलौता एआई विश्वविद्यालय बताते हैं. उन्होंने इस तकनीक का यूएस ट्रेडमार्क और पेटेंट कार्यालय में पेटेंट भी करवा लिया है. हालांकि शोधकर्ताओं ने अभी तक इस तकनीक के फीचर के बारे में नहीं बताया है. उन्होंने बताया है कि इस दिशा पर काम किया जा रहा है. एआई टूल की मदद से इसे और बेहतर विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है.
शोधार्थियों ने बताया कि अभी अंग्रेजी में इस तकनीक को विकसित किया गया है. आने वाले दिनों में अरबी में भी इस तकनीक का विकास किया जाएगा.
इस तकनीक से दुरुपयोग का ख़तरा
हम सभी ने देखा कि कैसे डीपफेक की मदद से लोग गलद फायदा उठा रहे हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि इस तकनीक का भी गलत दुरुपयोग हो सकता है. एआई की मदद से कई लूट को भी अंजाम दिया गया है. अभी हाल ही में सचिन तेंदुलकर की आवाज और वीडियो की नकल कर उनके नाम पर एक विज्ञापन भी चलाया गया. ऐसे में इस तकनीक की मदद से कई गलत फायदे उठाए जा सकते हैं.
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