डाउन की एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश की मौजूदा सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सिफर विवाद का फिर से उभरना सत्तारूढ़ दलों द्वारा उन्हें चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराने की एक "स्पष्ट कोशिश" है.
उन्होंने आगे कहा कि इस मुद्दे को फिर से जीवित करते सत्ताधारी पार्टियों ने "अपने ही पैर में गोली मार ली है." पीटीआई अध्यक्ष ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ, विदेश मंत्री आसिफ अली ज़रदारी और पूर्व आर्मी चीफ उमर जावेद बाजवा पर उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया.
उन्होंने दावा किया, “शासकों के पास केवल एक सूत्री एजेंडा है कि पीटीआई अध्यक्ष को कैसे अयोग्य ठहराया जाए और उन्हें जेल भेजा जाए. इस योजना को पूरा करने के लिए, वे अब सिफर को आगे लाए हैं.”
डॉन ने खान के हवाले से कहा, "लेकिन उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं है कि यह सिफर उनका सर्वनाश होगा."
उन्होंने आगे अमेरिकी साइबर "साजिश" की विस्तृत जांच की मांग की क्योंकि संघीय जांच एजेंसी जांच का नेतृत्व करने के लिए "पर्याप्त रूप से सक्षम" नहीं थी. उन्होंने कहा, "देश को साजिश के पीछे के असली खिलाड़ियों के बारे में जानना चाहिए."
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