- भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम में पाकिस्तान के सिंध क्षेत्र को भारत वापस मिलने की संभावना जताई
- राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमाएं बदल सकती हैं और सिंध क्षेत्र भविष्य में भारत का हिस्सा बन सकता है
- पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने रक्षा मंत्री के बयान को भ्रमित करने वाला और खतरनाक बदलाव की मांग करार दिया है
भारत के रक्षा मंत्री के एक बयान पर पाकिस्तान को टीस लग गयी है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा था कि पाकिस्तान का सिंध क्षेत्र भले ही आज भारत में नहीं है, लेकिन सीमाएं बदल सकती हैं और यह क्षेत्र भारत को वापस मिल सकता है. अब इसपर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत के संबंध में भारतीय रक्षा मंत्री की भ्रम से भरे और खतरनाक बदलाव की मांग करने वाली टिप्पणियों की पाकिस्तान कड़ी निंदा करता है.
चलिए आपको बताते हैं कि राजनाथ सिंह ने क्या कहा था और पाकिस्तान ने अपनी प्रतिक्रिया में क्या कहा है?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्या कहा था?
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने विभाजन के बावजूद सिंध के भारत के साथ सभ्यतागत संबंध को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के शब्दों को याद करते हुए रविवार को कहा कि ‘‘सीमाएं बदल सकती हैं'' और ‘‘ सिंध फिर भारत में शामिल हो सकता है". रक्षामंत्री ने सिंधी समुदाय द्वारा दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आडवाणी जी ने अपनी एक पुस्तक में लिखा है कि सिंधी हिंदू, विशेषकर उनकी पीढ़ी के लोग, अब भी सिंध को भारत से अलग करने की बात को स्वीकार नहीं कर पाए हैं.''
पाकिस्तान का निर्माण 1947 में तत्कालीन भारत के विभाजन के परिणामस्वरूप हुआ था, और सिंधु नदी के पास का सिंध क्षेत्र तब से पाकिस्तान का हिस्सा है. उन्होंने कहा, ‘‘केवल सिंध में ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में हिंदू सिंधु नदी को पवित्र मानते थे. सिंध में कई मुसलमान भी मानते थे कि सिंधु नदी का पानी मक्का के आब-ए-जमजम (सबसे पवित्र जल) से कम पवित्र नहीं है.''
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने राजनाथ सिंह के बयान पर नाराजगी जताई है. उसने लेटर जारी करके लिखा, "पाकिस्तान के सिंध प्रांत के संबंध में भारतीय रक्षा मंत्री की भ्रमपूर्ण और खतरनाक संशोधनवादी टिप्पणियों की पाकिस्तान कड़ी निंदा करता है. इस तरह के बयान विस्तारवादी हिंदुत्व मानसिकता को उजागर करते हैं जो स्थापित वास्तविकताओं को चुनौती देना चाहते हैं और अंतरराष्ट्रीय कानून, मान्यता प्राप्त सीमाओं की हिंसा और राज्यों की संप्रभुता का स्पष्ट उल्लंघन करते हैं."
"हम श्री राजनाथ सिंह और अन्य भारतीय नेताओं से आग्रह करते हैं कि वे क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को खतरे में डालने वाली उत्तेजक बयानबाजी से बचें. भारत सरकार के लिए यह कहीं अधिक रचनात्मक होगा कि वह अपने नागरिकों, विशेष रूप से कमजोर अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करे."
पाकिस्तान ने इसके आगे भी काफी कुछ लिखा है जिसमें भारत के संप्रभु क्षेत्र कश्मीर को लेकर उसके आपत्तिजनक बातों को ही दोहराया गया है.













