महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार (Queen Elizabeth Funeral) में कैंटरबरी के आर्चबिशप ने कहा कि कुछ ही नेताओं को इतना प्यार मिलता है, जितना हमने दिवंगत महारानी के लिए देखा है. वेस्टमिंस्टर एबे में ताबूत लाए जाने के साथ महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का राजकीय अंतिम संस्कार शुरू हुआ. इस दौरान 2,000 लोग मौजूद रहे. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के आठ सितंबर को निधन के बाद शव रखे जाने से लेकर श्रद्धांजलि तक सभी राजकीय समारोहों में सख्त शाही प्रोटोकॉल का पालन किया गया है. सोमवार को महारानी के अंतिम संस्कार के वक्त शाही परिवार का ‘ड्रेस कोड' भी पहले से निर्धारित परंपरा के अनुसार रहा.
महारानी का 96 साल की उम्र में स्कॉटलैंड के बाल्मोरल एस्टेट में निधन हो गया. उनका अंतिम संस्कार लंदन के वेस्टमिंस्टर एबे में किया गया.
महाराजा चार्ल्स तृतीय पूरे दिन मेडल के साथ औपचारिक वर्दी पहनेंगे, और उनके हाथों में लाल मखमल और सोने के फील्ड मार्शल बैटन होगा, जिसे महारानी ने 2012 में उन्हें प्रदान किया था, जब चार्ल्स को यह पदवी मिली थी.
‘बकिंघम पैलेस' के अनुसार शाही परिवार के सेवारत सदस्यों के रूप में महारानी के तीन बच्चे महाराजा चार्ल्स, प्रिंस एडवर्ड और प्रिंसेस ऐनी सभी सैन्य वर्दी पहनीऔर पदक धारण किया. महारानी के पोते प्रिंस विलियम भी सैन्य वर्दी में रहे.
महिलाएं काले कपड़े पहनकर और टोपी लगाकर आएं जबकि पुरुष काले कोट में रहे. शाही परिवार के सेवारत सदस्य पारंपरिक रूप से सैन्य वर्दी पहनी जबकि गैर-सेवारत पुरुषों ने कोट पहना जैसा कि पिछले साल महारानी के पति प्रिंस फिलिप के अंतिम संस्कार में देखा गया था.
‘मेट्रो' अखबार के मुताबिक इस अंतिम संस्कार से पहले शाही ‘ड्रेस कोड' के फैसले को लेकर कुछ विवाद भी हुए हैं. ‘बकिंघम पैलेस' ने शुरू में घोषणा की कि प्रिंस हैरी को अपनी सैन्य वर्दी पहनने की अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि उन्होंने अपने कर्तव्यों से हटने का फैसला किया था.
अखबार के मुताबिक जब प्रिंस हैरी ने जब यह फैसला किया था तो उनसे सभी सैन्य उपाधियां ले ली गई थी। एक बार जब शाही परिवार का कोई सदस्य सक्रिय सैन्य सेवा में नहीं होता है, तो उन्हें ‘नागरिक' माना जाता है, और इसलिए उन्हें सैन्य पोशाक पहनने की अनुमति नहीं होती है। हालांकि, उन्हें अपने काले सूट पर अपने पदक लगाने की अनुमति है, जैसा कि प्रिंस हैरी ने महारानी के ताबूत को ले जाते वक्त शोक यात्रा के दौरान किया था.
इस पर लोगों की तरफ से जबरदस्त प्रतिक्रिया आई क्योंकि यह घोषणा की गई थी कि शाही परिवार के गैर-सेवारत सदस्य प्रिंस एंड्रयू के लिए एक अपवाद बनाया जाएगा, जिन्हें हैरी के विपरीत पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था, और उन्हें अपनी सैन्य वर्दी पहनने की अनुमति दी जाएगी.
अब, पैलेस ने घोषणा की है कि वेस्टमिंस्टर हॉल में अंतिम दर्शन समारोह में प्रिंस एंड्रयू ने ‘सम्मान के विशेष चिह्न के रूप में' अपनी वर्दी पहनी. ‘मेट्रो' अखबार की खबर में कहा गया है कि अपने पिता महाराजा चार्ल्स के अनुरोध पर, हैरी अगली शाम महारानी के पोते-पोतियों द्वारा शोक व्यक्त करने के दौरान अपनी वर्दी पहनेंगे.
शोक की अवधि इन दिनों कम कर दी गई है, लेकिन काले कपड़े पहनने की अनिवार्यता बनी हुई है. नियम इतना सख्त है कि शाही परिवार के सदस्यों को हमेशा अपने सूटकेस में एक काले रंग की पोशाक के साथ यात्रा करनी होती है, ताकि अगर परिवार के सदस्यों के विदेश में रहने के दौरान शाही परिवार के किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो वे किसी अन्य रंग के कपड़े पहने हुए सार्वजनिक रूप से नजर ना आएं.