अंतिम संस्कार के पहले भाग के रूप में राष्ट्रगान ‘गॉड सेव द किंग' की धुन बजाई गयी.
 
                                                                                                                महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के ताबूत को सोमवार को विंडसर कैसल में सेंट जॉर्ज चैपल में रॉयल वॉल्ट में उतारा गया. इसके साथ ही ब्रिटेन के सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले सम्राट के लिए सार्वजनिक शोक समाप्त हो गया.
- "दूसरा अलिज़बेटन युग" प्रतीकात्मक रूप से तब समाप्त हुआ जब शाही घराने में सर्वोच्च पदस्थ अधिकारी, लॉर्ड चेम्बरलेन एंड्रयू पार्कर ने अपने कार्यालय की छड़ी तोड़ दी और इंपीरियल स्टेट क्राउन, ओर्ब और राजदंड को उच्च वेदी पर रखा गया.
 - महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के ताबूत को राजकीय अंतिम संस्कार के लिए जैसे ही वेस्टमिंस्टर एबे के भीतर ले जाया गया, बिग बेन थम गई और हवा में प्रार्थनाओं के स्वर गूंजने लगे.
 - ब्रिटेन के शाही परिवार के सदस्यों के साथ ही दुनियाभर के विभिन्न देशों से राष्ट्राध्यक्ष और राष्ट्र प्रमुख दिवंगत महारानी को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां पहुंचे हुए थे और साथ ही लाखों लोग टेलीविजन पर महारानी की अंतिम यात्रा के साक्षी बने.
 - अंतिम संस्कार में शामिल लोगों में दुनियाभर के करीब 2000 मेहमान जुटे, जिनमें भारत की ओर से राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने भाग लिया.
 - महाराजा चार्ल्स तृतीय की अगुवाई में ताबूत यात्रा 11वीं सदी के ऐतिहासिक एबे पहुंची तो दिवंगत महारानी के नाम पर बने एलिजाबेथ टॉवर में लगी बिग बेन में हर एक एक मिनट बाद 96 घंटा बजाया जा रहा था जो महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की जीवन काल को श्रद्धांजलि का प्रतीक था.
 - प्रार्थना सभा के आयोजन में शामिल वेस्टमिंस्टर के डीन वेरी रेवरेंड डॉ डेविड होयले ने कहा, ‘‘जहां महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की शादी हुई थी और उन्हें ताज पहनाया गया था, वहां देश और दुनिया से बड़ी संख्या में लोग दिवंगत महारानी को श्रद्धांजलि देने जुटे हैं.''
 - स्थानीय समयानुसार पूर्वाह्न 11 बजते ही शुरू हुई महारानी की इस अंतिम यात्रा में उनके बेटे और महाराजा चार्ल्स पीछे चल रहे थे. महाराजा के साथ उनके बेटे प्रिंस विलियम और प्रिंस हैरी तथा भाई-बहन प्रिंसेस एनी और प्रिंस एंड्रयू तथा प्रिंस एडवर्ड थे.
 - इससे पहले ताबूत को पिछले बुधवार से वेस्टमिंस्टर हॉल में अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया था. इस अंतिम यात्रा में साथ चलने वाले राजपरिवार के सबसे कम उम्र के सदस्यों में 9 वर्षीय प्रिंस जॉर्ज तथा सात साल की प्रिंसेस शेरलोट थीं. दोनों अपने माता-पिता प्रिंस और प्रिंसेस ऑफ वेल्स के बीच में चल रहे थे.
 - देशभर में दो मिनट के मौन के साथ महारानी की प्रार्थना सभा समाप्त हुई और अंतिम संस्कार के पहले भाग के रूप में राष्ट्रगान ‘गॉड सेव द किंग' की धुन बजाई गयी.
 - सत्तर साल तक राजगद्दी पर आसीन रहीं महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का आठ सितंबर को बाल्मोरल कैसल स्थित उनके आवास में निधन हो गया था। वह 96 वर्ष की थीं. बड़ी संख्या में लोग लंदन में सर्द रात की परवाह किए बगैर संसद के वेस्टमिंस्टर हॉल में ‘लाइंग इन स्टेट' (अंतिम दर्शन के लिए रखे) में रखे महारानी के ताबूत के अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचे. शोक व्यक्त करने वाले लोग सोमवार सुबह साढ़े छह बजे के कुछ ही देर बाद वेस्टमिंस्टर हाल से चले गए.
 
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