अगले पोप के चुनाव में वोट डालेंगे भारत के ये 4 कार्डिनल्स, जानिए उनके बारे में सबकुछ 

Pope Francis Dies: पोप फ्रांसिस की मृत्यु के बाद, वेटिकन में नौ दिनों के शोक का वक्त शुरू हो गया है जिसे नोवेन्डियल के नाम से जाना जाता है. यह एक प्राचीन रोमन परंपरा है जो आज भी जारी है. इस दौरान अगले पोप के चुनाव की तैयारी शुरू हो जाएगी.

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(बाएं से दाएं) कार्डिनल्स फिलिप नेरी फेराओ, बेसिलियोस क्लेमिस, एंथोनी पूला, और जॉर्ज जैकब कूवाकाड

Pope Francis Dies: पोप फ्रांसिस की मृत्यु के बाद, वेटिकन में नौ दिनों के शोक का वक्त शुरू हो गया है जिसे नोवेन्डियल के नाम से जाना जाता है. यह एक प्राचीन रोमन परंपरा है जो आज भी जारी है. इस दौरान अगले पोप के चुनाव की तैयारी शुरू हो जाएगी. शोक की अवधि के बाद, कार्डिनल्स को अगले पोप का चुनाव करने के लिए कॉन्क्लेव में बुलाया जाएगा. वर्तमान में पोप के चुनाव के लिए कॉन्क्लेव में वोट डालने के पात्र 135 कार्डिनलों में से चार भारत से हैं. इनमें कार्डिनल फिलिप नेरी फेराओ, कार्डिनल बेसिलियोस क्लेमिस, कार्डिनल एंथोनी पूला और कार्डिनल जॉर्ज जैकब कूवाकाड शामिल हैं.

  • कार्डिनल जॉर्ज जैकब कूवाकाड 51 साल के हैं. वे एस एंटोनियो डि पाडोवा के कार्डिनल-डीकन और सर्कोनवलाजियोन अप्पिया और अंतरधार्मिक संवाद के लिए डिकास्टरी के प्रीफेक्ट हैं.
  • कार्डिनल फिलिप नेरी एंटोनियो सेबेस्टियाओ डो रोसारियो फेराओ 72 साल के हैं. वे गोवा और दमन (भारत) के मेट्रोपॉलिटन आर्कबिशप, भारत के कैथोलिक बिशप सम्मेलन के अध्यक्ष और एशियाई बिशप सम्मेलन संघ के अध्यक्ष हैं.
  • कार्डिनल एंथोनी पूला 63 साल के हैं और हैदराबाद के मेट्रोपॉलिटन आर्कबिशप हैं.
  • कार्डिनल बेसिलियोस क्लेमिस थॉटुनकल सिरो-मलंकरा (भारत) के त्रिवेन्द्रम के प्रमुख आर्कबिशप और सिरो-मलंकरा चर्च के धर्मसभा के अध्यक्ष हैं.

19 अप्रैल तक दुनिया में कुल 252 कार्डिनल हैं, जिनमें से 135 नए पोप का चुनाव करने के लिए एक सम्मेलन में वोट डालने के पात्र हैं.

सिस्टिन चैपल की चिमनी से उठने वाले धुएं का रंग बताता है कि पोप के चुनाव के दौरान अंदर क्या फैसला लिया जा रहा है. काले धुएं का मतलब है कि कार्डिनल्स ने अभी तक एक नया पोप नहीं चुना है, जबकि सफेद धुआं बताता है कि एक नया पोप चुन लिया गया है.

वेटिकन के एक बयान के अनुसार, पोप फ्रांसिस का ईस्टर सोमवार को 88 वर्ष की आयु में वेटिकन के कासा सांता मार्टा स्थित उनके आवास पर निधन हो गया. वेटिकन ने एक बयान में कहा कि उनकी मृत्यु स्ट्रोक और उसके बाद हार्ट फेल होने से हुई.

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अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में जन्मे पोप फ्रांसिस को जन्म के समय जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो नाम मिला था और इसी रूप में, उन्हें 1969 में कैथोलिक पादरी नियुक्त किया गया था. 28 फरवरी, 2013 को पोप बेनेडिक्ट XVI के इस्तीफे के बाद, 13 मार्च को एक पोप कॉन्क्लेव ने कार्डिनल बर्गोग्लियो को उनके उत्तराधिकारी के रूप में चुना. उन्होंने असीसी के सेंट फ्रांसिस के सम्मान में फ्रांसिस को अपने पोप नाम के रूप में चुना और बन गए पोप फ्रांसिस.

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इनपुट - एएनआई

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