अंतरराष्ट्रीय कूटनीति यानी डिप्लोमेसी में 24 घंटे का समय बहुत होता है. इतने वक्त में किसी देश के लिए बहुत कुछ बन सकता है तो बहुत कुछ बिगड़ भी सकता है. अब अमेरिका के दो दिवसीय यात्रा पर गए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देखिए. उन्होंने शुरुआती 24 घंटे में ही बैक-टू-बैक बैठकों के दौर से डिप्लोमेसी की गाड़ी चौथे गियर में डाल दी है. इस दौरे पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ द्विपक्षीय वार्ता तो करनी ही थी, उससे पहले मोदी ने बिलिनेयर एलन मस्क से लेकर अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वाल्ट्ज तक से मुलाकात की.
चलिए देखते हैं पीएम मोदी के पहले 24 घंटे में कैसे बैठकों का दौर चला और भारत ने इससे क्या कुछ पाया.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वाशिंगटन डीसी के ब्लेयर हाउस में हाई-प्रोफाइल बैठकों के साथ अमेरिका की अपनी दो दिवसीय यात्रा शुरू की. इसमें सबसे अहम था अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ द्विपक्षीय बैठक. 20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति के दूसरी बार पद की शपथ लेने के बाद ट्रंप और पीएम मोदी के बीच यह पहली मुलाकात है. इस बैठक के साथ, दूसरे कार्यकाल के शुरु होने के बाद ट्रंप से मुलाकात करने वाले शुरुआती वैश्विक नेताओं में से एक हो गए. पीएम मोदी की यात्रा इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, जापान के शिगेरु इशिबा और जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय की यात्रा के बाद हुई.
इस बैठक के बाद दोनों नेताओं ने जानकारी दी कि अमेरिका और भारत के बीच किन मुद्दों को लेकर सहमति बनी है. इनमें से कुछ हैं-
- भारत और अमेरिका बड़े व्यापार मार्ग (ट्रेड रूट) के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए हैं. ट्रंप के अनुसार यह दुनिया के सबसे महान ट्रेड रूट में से एक होगा. यह भारत से इजरायल से इटली और आगे अमेरिका तक चलेगा. यह भागीदार देशों को सड़कों, रेलवे और समुद्र के नीचे चलने वाले केबल से जोड़ेगा.
- इस साल से अमेरिका भारत में सैन्य बिक्री को कई अरब डॉलर तक बढ़ाएगा. भारत को F35, स्टील्थ लड़ाकू विमान देने का रास्ता भी तैयार किया जा रहा है.
- पीएम मोदी ने भी साफ कहा है कि अगर कोई भारतीय अमेरिका में अवैध रूप से रह रहा है तो भारत उसे वापस लेने को तैयार है.
- अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने घोषणा की कि 26/11 मुंबई आतंकी हमले के दोषी तहव्वुर राणा को भारत लाया जाएगा.
एलन मस्क से मुलाकात
अमेरिका की नई सरकार में एक नैरेटिव तो साफ है. वह यह कि एलन मस्क को डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन में सबसे मजबूत माना जा रहा है. वो ट्रंप के काफी करीब आ गए हैं. ऐसे में ट्रंप से मुलाकात के पहले एलन मस्क की पीएम मोदी की मुलाकात बहुत अहम रही. मुलाकात के दौरान पीएम मोदी खासतौर पर एलन मस्क के बच्चों के साथ बातचीत करते दिखे.
भले ही डिप्लोमेसी के तराजू पर यह पहली नजर में यह फैमिली मीटिंग लगे, लेकिन यहां ऑप्टिक्स बड़ा है, मुलाकात के मायने बड़े हैं. एलन मस्क की कंपनी टेस्ला का काफी कारोबार चीन में है. वहीं दूसरी तरफ ट्रंप चीन को चित करने की फिराक में हैं. ऐसे में एलन मस्क को अगर चीन से अपना कारोबार समेटकर कहीं और शिफ्ट करना है तो भारत से बेहतर ऑप्शन शायद ही उन्हें मिले. इस लिहाज से पीएम मोदी और एलन मस्क की यह मुलाकात अहम हो जाती है.
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से मुलाकात
वाशिंगटन डीसी के ब्लेयर हाउस में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वाल्ट्ज और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई. बैठक में कथित तौर पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल भी मौजूद रहे. उन्होंने रक्षा, टेक्नोलॉजी और सुरक्षा क्षेत्रों पर चर्चा की, जो भारत-अमेरिका संबंधों के महत्वपूर्ण पहलू हैं. पीएम मोदी ने कहा कि यह बैठक सार्थक रही और उन्होंने वाल्ट्ज को "भारत का एक महान मित्र" कहा.
विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि बैठक में दोनों देशों की वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा हुई. इसमें रणनीतिक टेक्नोलॉजी के साथ-साथ छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों और आतंकवाद से निपटने पर जोर देने के साथ रक्षा औद्योगिक सहयोग और नागरिक परमाणु ऊर्जा पर जोर दिया गया.
विवेक रामास्वामी से मुलाकात
ब्लेयर हाउस में एलन मस्क से मुलाकात के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय मूल के एंटरप्रेन्योर विवेक रामास्वामी से मुलाकात की. बता दें कि रामास्वामी शुरू में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में शामिल हुए लेकिन अंततः पीछे हट गए. आखिर में उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए डोनाल्ड ट्रंप को अपना समर्थन दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि पीएम मोदी और विवेक रामास्वामी के बीच भारत-अमेरिका संबंध, इनोवेशन, बायो टेक्नोलॉजी और भविष्य को आकार देने में उद्यमिता की भूमिका पर गहन चर्चा हुई.
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