प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने चार दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे मालदीव (Maldives) के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह (Ibrahim Mohamed solih) से मंगलवार को दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश सहित द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को गति देने के उद्देश्य से विस्तृत वार्ता की. एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ सोलिह सोमवार को दिल्ली पहुंचे थे.प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, " पिछले कुछ सालों में भारत-मालदीव के रिश्तों में नया जोश आया है. महामारी के बाद हमारा रिश्ता व्यापक हुआ है. मैंने राष्ट्रपति सोलिह के साथ कई विषयों पर चर्चा की. महत्वपूर्ण वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों पर आदान-प्रदान किया."
प्रधानमंत्री मोदी ने ग्रेटर माला कनेक्टिविटी प्रोजक्ट की शुरुआत का स्वागत किया. उन्होंने बताया कि भारत इसके अतिरिक्त 2000 सोशल हाउसिंग यूनिट्स के लिए भी वित्तीय सहायता भी देगा और 100 मिलियन डॉलर का अतिरिक्त लाइन ऑफ क्रेडिट देने का भी फैसला किया गया ताकि प्रोजक्ट्स पूरे हो सकें.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हिंद महासागर में देशों के बीच अपराध, आंतकवाद, ड्रग्स तस्करी का खतरा गंभीर है. इसलिए रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भारत और मालदीव के बीच करीबी संपर्क और समन्वय पूरे क्षेत्र की शांति और सुरक्षा के लिए अहम है. मालदीव के सुरक्षा बलों को भारत कैपिसिटी बिल्डिंग और ट्रेनिंग में मदद देगा."
वहीं मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह ने कहा, " भारत के रिश्तों को मालदीव सबसे अधिक महत्ता देता है. महारे रिश्ते नई ऊंचाईयों पर पहुंच रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी और मैंने आतंकवाद के मुद्दे और समुद्री सुरक्षा को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से चर्चा की. हम आंतकवाद के खिलाफ सभी क्षेत्रों में मिल कर काम करने और आपसी रिश्ते मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता दोहराते हैं."
उन्होंने कहा, " कोरोना का असर दोनों देशों के लोगों और अर्थव्यवस्था पर पड़ा. कोरोना के दौरान भारत की तरफ से मालदीव को बहुत मदद की गई. मैंने इस विजिट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से कई मुद्दों पर बात की. एक्ज़िम बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से मालदीव को वित्तीय मदद दी जा रही है. मालदीव भारत का सच्चा दोस्त है और रहेगा. मैं भारत की मदद के लिए धन्यवाद देता हूं. "
भारत और मालदीव के बीच साइबर सिक्योरिटी को लेकर हस्ताक्षर किए गए एमओयू के ज़रिए हमारा करीबी सहयोग बढ़ेगा. इस एमओयू के ज़रिए हमारे देश में क्षमता निर्माण और ट्रेनिंग में मदद मिलेगी. मालदीव में भारत के रूपे कार्ड के उपयोग से मालदीव में भारत की तरफ से पर्यटन में मदद मिलेगी."
मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र (Indo-Pacific) में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसियों में से एक है और पिछले कुछ वर्षों में रक्षा एवं सुरक्षा के क्षेत्रों सहित समग्र द्विपक्षीय संबंधों में वृद्धि हुई है.
सोलिह के साथ बैठक के बाद सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति और मालदीव की 'भारत पहले' नीति 'पूरक' हैं और वे विशेष साझेदारी को आगे बढ़ाते हैं.
नयी दिल्ली में आधिकारिक कार्यक्रमों के अलावा, राष्ट्रपति सोलिह मुंबई भी जाएंगे और व्यावसायिक कार्यक्रमों में भाग लेंगे.
भारत-मालदीव के मजबूत होते संबंध
सोलिह के नवंबर, 2018 में राष्ट्रपति बनने के बाद से भारत और मालदीव के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति सोलिह के शपथग्रहण समारोह में शामिल हुए थे.
सोलिह ने दिसंबर 2018 में भारत की यात्रा की थी जो राष्ट्रपति बनने के बाद उनकी पहली विदेश यात्रा थी. मोदी ने जून, 2019 में मालदीव का दौरा किया था जो प्रधानमंत्री के रूप में उनके दूसरे कार्यकाल की उनकी पहली विदेश यात्रा थी.
पिछले हफ्ते मालदीव के रक्षा बलों के प्रमुख मेजर जनरल अब्दुल्ला शमाल ने भारत की यात्रा की थी.
मार्च में, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने माले की यात्रा के दौरान देश को एक तटीय रडार प्रणाली सौंपी थी. भारत और मालदीव हिंद महासागर में समुद्री सुरक्षा के मुद्दों पर दृष्टिकोण साझा करते हैं और रक्षा सहयोग का विस्तार करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं.
विकास सहयोग भारत-मालदीव संबंधों का एक प्रमुख स्तंभ रहा है तथा नयी दिल्ली ने द्वीपीय देश को बुनियादी ढांचे और सामुदायिक विकास परियोजनाओं के लिए अनुदान के तौर पर 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की ऋण सुविधा प्रदान की है.
सोलिह की 1 से 4 अगस्त तक भारत यात्रा द्वीपीय देश के पूर्व राष्ट्रपति एवं वर्तमान में संसद अध्यक्ष मोहम्मद नशीद के साथ उनके व्यापक राजनीतिक मतभेद के बीच हो रही है. सोलिह और नशीद दोनों मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं.