स्टार्मर के साथ पीएम मोदी ने खालिस्तान समर्थकों पर चिंता जताई, जानें हुई क्या बात

विदेश सचिव मिसरी ने कहा कि इन तत्वों के खिलाफ दोनों पक्षों के लिए उपलब्ध ‘‘कानूनी ढांचे के भीतर’’ कार्रवाई करने की आवश्यकता है.

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  • पीएम मोदी ने ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों पर ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर को लेकर चिंता जताई
  • पीएम मोदी ने कट्टरपंथ एवं हिंसक उग्रवाद में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया
  • विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि खालिस्तान मुद्दा जुलाई में भी चर्चा में था और फिर से उठाया गया
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मुंबई:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों की गतिविधियों पर अपने ब्रिटिश समकक्ष केअर स्टार्मर को भारत की चिंताओं से रूबरू कराया और कहा कि कट्टरपंथ एवं हिंसक उग्रवाद में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. विदेश सचिव विक्रम मिसरी के अनुसार, मोदी ने स्टार्मर के साथ अपनी बातचीत के दौरान यह मुद्दा उठाया.

पहले भी उठ चुका है खालिस्तान का मुद्दा

पीएम मोदी ने जुलाई में अपनी लंदन यात्रा के दौरान भी ब्रिटेन में खालिस्तानी तत्वों की गतिविधियों पर चिंता जताई थी. मिसरी ने कहा, ‘‘हां, यह एक ऐसा विषय है जो जुलाई में भी चर्चा में उठा था, आज चर्चा में इसे फिर से उठाया गया.''उन्होंने कहा, ‘‘और प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि कट्टरपंथ तथा हिंसक उग्रवाद के लिए लोकतांत्रिक समाजों में कोई जगह नहीं है, और ख़ासकर उन्हें लोकतांत्रिक समाजों द्वारा प्रदत्त स्वतंत्रता का दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.''

विदेश सचिव मिसरी ने क्या कुछ बताया

विदेश सचिव मिसरी ने कहा कि इन तत्वों के खिलाफ दोनों पक्षों के लिए उपलब्ध ‘‘कानूनी ढांचे के भीतर'' कार्रवाई करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री (मोदी) ने मैनचेस्टर हमले पर एक बार फिर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है। यह हमला कुछ दिन पहले ब्रिटेन में एक यहूदी प्रार्थना स्थल पर हुआ था.'' भारत, ब्रिटिश धरती पर खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों पर ब्रिटेन के समक्ष अपनी चिंताओं से अवगत कराता रहा है.

अवैध इमिग्रेशन पर क्या बोला भारत

ब्रिटेन में हुए आव्रजन विरोधी प्रदर्शनों के बारे में पूछे गए एक सवाल पर, मिसरी ने कहा, ‘‘ये ऐसे मुद्दे हैं जिनका समाधान ब्रिटिश अधिकारियों को करना होगा. ये ब्रिटेन के अंदर की स्थितियों का परिणाम हैं, लेकिन जहां तक अवैध आव्रजन का सवाल है, यह दोनों देशों के बीच चर्चा का विषय रहा है. आज भी नेताओं के बीच इस पर चर्चा हुई.'' इन प्रदर्शनों में भारतीयों को भी निशाना बनाया गया था. विदेश सचिव ने कहा कि भारत अवैध आव्रजन का समर्थन नहीं करता है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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