फाइजर (Pfizer) और बायोएनटेक (BioNTech) ने कहा कि उन्होंने औपचारिक रूप से अमेरिका के दवा नियामक से 65 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए कोविड वैक्सीन के दूसरे बूस्टर शॉट (Booster Shot) की आपातकालीन मंजूरी मांगी है. कंपनियों ने एक बयान में कहा कि उनका अनुरोध इजराइल के दो अध्ययनों पर आधारित है. यह अध्ययन दिखाते हैं कि "एक अतिरिक्त एमआरएनए बूस्टर इम्यूनोजिनेसिटी को बढ़ाता है. साथ ही संक्रमण और गंभीर बीमारी की दर को कम करता है."
ओमिक्रॉन की लहर के बाद से ज्यादातर देशों में कोरोना के मामले रिकॉर्ड स्तर से काफी कम हो गए हैं, हालांकि कई देशों में मामले स्थिर हो गए हैं या फिर प्रतिबंध हटाने के साथ ही बढ़ना शुरू हो गए हैं. इसके चलते पहले ली गई डोज की सुरक्षा कमजोर पड़ने लगी है.
फाइजर और बायोएनटेक द्वारा बताए गए इजराइली अध्ययन से यह पता चलता है कि "संक्रमण के पुष्ट मामलों की दर 2 गुना कम थी और गंभीर बीमारी की दर 4 गुना कम रही, उन व्यक्तियों में जिन्होंने अतिरिक्त बूस्टर खुराक ली थी."
यह विश्लेषण 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों तक सीमित था, जिन्होंने अपनी पहली बूस्टर खुराक के चार महीने के बाद दूसरी बूस्टर खुराक हासिल की थी. वहीं दूसरा अध्ययन 18 साल और उससे अधिक उम्र के इजरायली स्वास्थ्य कर्मियों पर किया गया. इसके विश्लेषण से पता चला कि दूसरा बूस्टर प्राप्त करने वालों में एंटीबॉडी का स्तर अधिक था.
कंपनियों का कहना है कि अध्ययन में व्यक्तियों को लेकर नई सुरक्षा चिंता नहीं थीं, जिन्हें वैक्सीन की अतिरिक्त बूस्टर खुराक मिल चुकी थी. फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन की शुरुआत दो डोज से होती है. ऐसे में दूसरा बूस्टर अधिकांश व्यक्तियों की चौथी खुराक होगी.
कई देशों में फिर से बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले, जानिए यूरोप में मामले बढ़ने की क्या है वजह