- गाजा में इजरायली सैनिकों ने मानवीय सहायता लेने आई भीड़ पर गोलीबारी कर अबतक सैकड़ों को मार दिया है.
- UN और नागरिक सुरक्षा एजेंसियों ने इजरायली हमलों में सैकड़ों फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत की पुष्टि की.
- इजरायल ने गाजा में मीडिया को प्रतिबंधित कर दिया है जिससे मौतों के आंकड़ों की स्वतंत्र जांच मुश्किल हो गई है.
"टैंक हम पर बेतरतीब ढंग से गोले दाग रहे थे. इजरायली स्नाइपर सैनिक हम पर ऐसे गोली चला रहे थे मानो वे जंगल में जानवरों का शिकार कर रहे हों."
यह कहना है 36 साल के कासिम अबू खतर का जो गाजा सिटी में रहते हैं. अबू खतर ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि वह आटे का एक बोरी लेने के लिए कोशिश करने के लिए दौड़े थे, लेकिन उसे हजारों की हताश भीड़ मिली. उन्होंने कहा कि "मेरी आंखों के सामने दर्जनों लोग शहीद हो गए और मैं कोई किसी को नहीं बचा सका."
गाजा में ग्राउंड जीरो पर वक्त गुजरने के साथ स्थिति और भयावह होती जा रही है. गाजा की नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने कहा कि इजरायली बलों ने रविवार, 20 जुलाई को गाजा में मानवीय सहायता लेने करने की कोशिश कर रहे फिलिस्तीनियों की भीड़ पर गोलीबारी की, जिसमें 93 लोग मारे गए और दर्जनों अन्य घायल हो गए.
नागरिक सुरक्षा एजेंसी के प्रवक्ता महमूद बसल ने एएफपी को बताया कि दक्षिण में खान यूनिस में एक अन्य सहायता स्थल के पास चार लोग मारे गए. संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम ने कहा कि खाद्य सहायता ले जा रहे उसके 25-ट्रक के काफिले को गाजा शहर के पास "भूखे नागरिकों की भारी भीड़ का सामना करना पड़ा, जो गोलियों की चपेट में आ गए."
हालांकि इजरायल की सेना ने मरने वालों की संख्या को नकारा और कहा कि गाजा शहर के पास हजारों लोगों के इकट्ठा होने पर सैनिकों ने "तत्काल खतरे को दूर करने के लिए" केवल चेतावनी देने के लिए गोलियां चलाईं.
रोटी मांगते लोगों पर गोलीबारी… हर दिन आ रही खबर
खाना और मानवीय सहायता मांगने पहुंचे नागरिकों की गोली माकर हत्या गाजा में एक नियमित घटना बन गई है. इसके लिए अधिकारियों ने इजरायली गोलीबारी को दोषी ठहराया है क्योंकि भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी का सामना करने वाली भीड़ बड़ी संख्या में सहायता केंद्रों पर आती है. संयुक्त राष्ट्र ने इसी महीने की शुरुआत में कहा था कि मई के अंत से तबतक मानवीय सहायता लेने पहुंचने वाले लगभग 800 लोग मारे गए हैं.
वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (डब्ल्यूएफपी) ने सहायता लेने पहुंचे नागरिकों के खिलाफ हिंसा की निंदा करते हुए इसे "पूरी तरह से अस्वीकार्य" बताया है.
इजरायल की सेना का कहना है कि वह नागरिकों को नुकसान से बचाने के लिए कदम उठा रही है और इस महीने उसने इसी तरह की कई घटनाओं से सीखे गए सबक के बाद जमीन पर अपने सैनिकों को नए निर्देश जारी किए हैं. इसके अलावा इजरायल ने रविवार को इजरायल में OCHA (मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय) ऑफिस के प्रमुख जोनाथन व्हिटाल का निवास परमिट वापस ले लिया, जिन्होंने गाजा में मानवीय स्थितियों की बार-बार निंदा की है. इजरायली विदेश मंत्री गिदोन सार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स को लिखे एक पोस्ट में उन पर गाजा में युद्ध के बारे में झूठ फैलाने का आरोप लगाया.
गाजा में एक 35 दिन के नवजात की कुपोषण के कारण मौत हो गई. एएफपी के अनुसार उस मासूम का नाम याह्या फादी अल-नज्जर था. उसकी मां और पिता दक्षिणी गाजा पट्टी में खान यूनिस के नासिर मेडिकल कॉम्प्लेक्स में अंतिम संस्कार के दौरान उसके शव को पकड़कर विलाप करते दिखें.
पोप को भी करनी पड़ी निंदा
आधिकारिक आंकड़ों के आधार पर एएफपी टैली के अनुसार, इजरायल पर हमास के 2023 के हमले में 1,219 लोगों की मौत हुई, जिनमें से अधिकांश इजरायली नागरिक थे. वहीं गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायल की जवाबी सैन्य कार्रवाई में 58,895 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें से अधिकांश नागरिक हैं.
रविवार को एंजेलस प्रेयर के अंत में, पोप लियो 14वें ने गाजा युद्ध की "बर्बरता" की आलोचना की और क्षेत्र के एकमात्र कैथोलिक चर्च पर कुछ दिन पहले हुए इजरायली हमले के बाद शांति का आह्वान किया. उन्होंने कहा, चर्च पर यह हमला "गाजा में नागरिक आबादी और पूजा स्थलों के खिलाफ चल रहे सैन्य हमलों" का हिस्सा था. इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को पोप लियो XIV के सामने खेद व्यक्त किया था. दरअसल गाजा शहर के होली फैमिली चर्च पर इजरायल के हमले में तीन लोगों की मौत हो गई थी. तीनों ने चर्च में शरण ले रखी थी.
इजरायल जंग खत्म करने नहीं जा रहा
गाजा की 20 लाख से अधिक की आबादी में से अधिकांश इस युद्ध के दौरान कम से कम एक बार विस्थापित हुए हैं. जंग थमती भी नजर नहीं आ रही है. रविवार की सुबह, इजरायली सेना ने डेर अल-बाला क्षेत्र में शरण लिए हुए निवासियों और विस्थापित फिलिस्तीनियों को क्षेत्र के लोगों से कहा कि वो यहां से तुरंत दक्षिण चले जाएं क्योंकि वहां इजरायली सेना अपना ऑपरेशन चलाने जा रही है. अब यहां के परिवारों को अपने पास जो कुछ सामान था उसे गधा गाड़ियों पर लादकर दक्षिण की ओर जाते देखा गया.
एक व्यक्ति ने एएफपी को बताया, "उन्होंने हम पर पर्चे फेंके और हमें नहीं पता कि हम कहां जा रहे हैं और हमारे पास आश्रय या कुछ भी नहीं है."
संयुक्त राष्ट्र OCHA ने रविवार को कहा कि विस्थापन का यह आदेश "गाजा पट्टी में लोगों को जीवित रखने वाली पहले से ही नाजुक जीवनरेखाओं पर एक और विनाशकारी झटका था".