पाकिस्तान (Pakistan) सरकार के प्रमुख मंत्रियों ने तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के चीफ और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को सरकारी संस्थाओं की आलोचना के खिलाफ चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि वो मानहानि के मामले में इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट (SC) में घसीटने से भी नहीं चूकेंगे. पाकिस्तान के संविधान का आर्टिकल-6 यह कहता है कि अगर कोई व्यक्ति संविधान को बाधित करता है या उसकी बातों को निरस्त करता है या बल पूर्वक या असंवैधानिक तौर से ऐसा प्रयास करता है तो उसे उच्च स्तर का देशद्रोही माना जाएगा. यह चेतावनी ऐसे समय आई है जब इमरान खान ने इस्लामाबाद के परेड ग्राउंड में महंगाई के मुद्दे, राजनैतिक अस्थिरता और बिजली की भारी कटौती और ईंधन के दाम में बढ़ोतरी को लेकर पर मौजूदा शहबाज शरीफ की सरकार के खिलाफ जमकर मोर्चा खोला था.
डॉन अखबार के मुताबिक पाकिस्तान के रेलवे मंत्री ख्वाजा साद रफीक ने रविवार को रेलवे मुख्यालय पर की गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, " एक तरफ इमरान खान संविधान और कानून का उल्लंघन कर रहे हैं तो दूसरी ओर वो न्यायालय, और संस्थाओं, साथ ही उनके प्रमुखों को पद से हटाए जाने का दोषी करार दे रहे हैं. मानसिक तौर पर वो स्थिर नहीं हैं और देश उनकी इच्छा से नहीं चल सकता."
रेलवे मंत्री ने आगे PTI चीफ पर आरोप लगाया कि वो स्वार्थी हैं और उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता. "डॉन" के मुताबिक ख्वाजा साद ने इमरान खान पर देश को चलाने के लिए "जादू-टोने" का प्रयोग करने का आरोप लगाया और कहा कि वो अपने विरोधियों को "चोर" और "धोकेबाज" बोल कर जेल में डाल देते थे और उन पर झूठे मुकदमे ठोक देते थे.
पूर्व स्पीकर सरदार अयाज सादिक ने कहा कि वो उनके राष्ट्रीय सभा के सदस्य संसद के स्पीकर से यह अपील करेंगे कि संविधान के आर्टिकल 6 का प्रयोग पूर्व प्रधानमंत्री पर किया जाए क्योंकि वह राष्ट्रीय संस्थाओं का अपमान कर रहे हैं.
फैसलाबाद की सभा को संबोधित करते हुए गृह मंत्री राना सनाउल्लाह खान ने कहा कि जब इमरान खान की सरकार सत्ता में थी तब International Monetary Fund (IMF) ने समझौते का उल्लंघन करने के लिए देश पर "लाल-निशान" लगा दिया. रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने शाहबपुरा की सभा को संबोधित करते हुए कहा कि इमरान खान धांधली से सत्ता में आए. सत्ता में आने के बाद उन्होंने होशो-हवास खो दिए. 2023 के आम चुनाव में लोग यह निर्धारित करेंगे कि पाकिस्तान पर किसका राज होना चाहिए. हम संसद समेत पाकिस्तान की सभी संस्थाओं का बचाव करेंगे."
इससे पहले इमरान खान ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि वो संस्थाओं के खिलाफ लड़ने के लिए नहीं आए हैं या उनका मकसद अराजकता फैलाना नहीं है बल्कि सभी को यह बताना है कि देश "आयात की गई सरकार को मंजूर नहीं करेगा."