Pakistan: इमरान खान ने उपचुनाव में सत्ताधारी पार्टी को दी पटखनी, खुद जीतीं संसद की 6 सीटें

पाकिस्तान (Pakistan) के निर्वाचन आयोग (ECP) के अनुसार, संसद (नेशनल असेम्बली) की आठ और पंजाब प्रांत की विधानसभा की तीन सीट पर चुनाव हुआ. इमरान खान (Imran Khan) ने खुद संसद की सात सीटों पर चुनाव लड़ा, जिसमें से छह पर उन्हें जीत मिली. 

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इमरान खान (Imran Khan) ने स्वयं संसद की सात सीटों पर चुनाव लड़ा, छह पर मिली जीता (File Photo)
इस्लामाबाद:

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने देश में संसद और प्रांतीय विधानसभा की 11 सीटों पर हुए उपचुनाव में सबसे अधिक सीटों पर जीत दर्ज की है. उपचुनाव के लिए रविवार को मतदान हुआ और मुख्य मुकाबला प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) और खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के बीच था. अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के लिए यह चुनाव अपनी लोकप्रियता को परखने का एक मौका था.

पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ECP) के अनुसार, संसद (National Assembly) की आठ और पंजाब प्रांत की विधानसभा की तीन सीट पर चुनाव हुआ. चुनाव में कुल 101 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें से पंजाब में 52, सिंध में 33 और खैबर पख्तूनख्वा में 16 प्रत्याशी थे.

खान ने स्वयं संसद की सात सीटों पर चुनाव लड़ा, जिसमें से छह पर उन्हें जीत मिली. कराची सीट पर पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के उम्मीदवार ने उन्हें मात दी. उनकी पार्टी को मुलतान में भी हार का सामना करना पड़ा, जहां पीटीआई ने मेहर बानो कुरैशी का समर्थन किया था. मेहर पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की बेटी हैं.

संसद की छह सीट के अलावा पीटीआई ने पंजाब विधानसभा की दो सीटों पर भी जीत दर्ज की. इससे पंजाब के उनके मुख्यमंत्री चौधरी परवेज इलाही की स्थिति और मजबूत हो गई है.

पीटीआई के महासचिव असद उमर ने कहा कि चुनाव के परिणाम ‘‘ नीति निर्माताओं के लिए अपनी गलती का एहसास करने और पाकिस्तान में नए सिरे से चुनाव करवाने का एक मौका है.''

सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुलस्लीम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने केवल एक सीट पर ही जीत दर्ज की.

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ नीत पीएमएल-एन को बढ़ती महंगाई पर काबू ना कर पाने का खामियाज़ा भुगतना पड़ा. हालांकि पीटीआई को 11 में से उन तीन सीट पर हार का सामना करना पड़ा, जो सरकार गिरने के बाद उनके सांसदों के इस्तीफे की वजह से खाली हुई थीं.

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