अफगानिस्तान के विदेश मंत्री के भारत दौरे से पाक को क्यों लगी है मिर्ची?

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मुत्ताकी की भारत यात्रा ने पाकिस्तान को बेचैन कर दिया है. काबुल में आधी रात को पाकिस्तान ने एयरस्ट्राइक कर अपनी “नाराज़गी” का संकेत भी दिया है.

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  • अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी पहली बार भारत की आधिकारिक यात्रा पर आए हैं
  • पाकिस्तान अफगानिस्तान पर अपनी पकड़ कमजोर पड़ने और भारत-अफगान रिश्तों के बढ़ने से से चिंतित है
  • पाकिस्तान ने मुत्ताकी की भारत यात्रा के दौरान काबुल में आधी रात को एयरस्ट्राइक कर अपनी नाराज़गी जाहिर की है
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नई दिल्ली:

भारत और अफगानिस्तान के बीच कूटनीतिक रिश्तों में पिछले कुछ समय से तेजी से सुधार हुए हैं. तालिबान शासन के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी पहली बार भारत आए हैं. इधर भारत और अफगानिस्तान के बीच लगातार मजबूत होते रिश्तों से पाकिस्तान परेशान है. इसी बीच काबुल में आधी रात को पाकिस्तान ने एयरस्ट्राइक कर अपनी “नाराज़गी” का संकेत भी दे दिया. साफ है, भारत-अफगानिस्तान की बढ़ती नज़दीकियों ने इस्लामाबाद को कूटनीतिक तौर पर झटका दे दिया है. हालांकि सवाल ये है आखिर मुत्ताकी की इस यात्रा से पाकिस्तान इतना बेचैन क्यों है?

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने क्या कहा था? 

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अफगान तालिबान को चेतावनी देते हुए कहा है कि हमारा धैर्य जवाब दे गया है.अफगानिस्तान की सरजमीं से लगातार पाकिस्तान पर हमले हो रहे हैं. आसिफ ने कहा कि अफगानिस्तान की जमीन से ऐसे हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के ओरकजई जिले में हुए हमले में लेफ्टिनेंट कर्नल और मेजर समेत 11 पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मी मारे गए थे. आसिफ ने कहा कि आतंकियों के मददगार जहां भी होंगे, पाकिस्तान वहां उन्हें निशाना बनाएगा. उन्होंने संकेत दिया कि अगर अफगान सरकार आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में नाकाम रहती है तो पाकिस्तान एक्शन लेगा. सीमापार से आतंकी हमले हो रहे हैं और ये मुद्दा अफगान तालिबान के समक्ष उठाया जा चुका है.

पाकिस्तान क्यों है परेशान?

  • अफगानिस्तान पर पकड़ कमजोर पड़ने का डर: पाकिस्तान दशकों से अफगानिस्तान को अपनी बैकयार्ड डिप्लोमेसी मानता आया है. भारत-अफगान निकटता उसके इस दबदबे पर सीधा प्रहार है. 
  • ‘कश्मीर नैरेटिव' को भी लग सकता है झटका: पाकिस्तान लंबे समय से अफगान तालिबान को भारत-विरोधी नैरेटिव के लिए एक टूल की तरह देखता रहा है. लेकिन मुत्ताकी की भारत यात्रा इस धारणा को तोड़ती है. 


हवाई हमला का क्या था उद्देश्य?

मुत्ताकी की दिल्ली यात्रा के ठीक दौरान पाकिस्तान ने काबुल में मिडनाइट एयरस्ट्राइक की. रिपोर्ट्स के मुताबिक, निशाना TTP (तेहरिक-ए-तालिबान पाकिस्तान) का ठिकाना था, लेकिन इसे भारत-अफगान निकटता पर नाराज़गी का संकेत माना जा रहा है. 

भारत की क्या है रणनीति है? 

मुत्ताकी की यह भारत यात्रा 2021 में तालीबान के सत्ता संभालने के बाद पहली है.  भारत ने इस मुलाकात को ‘औपचारिक मान्यता नहीं, बल्कि रणनीतिक संवाद' बताया है. सूत्रों के मुताबिक, बातचीत में मानवीय सहायता, क्षेत्रीय सुरक्षा और व्यापारिक सहयोग जैसे मुद्दे शामिल हैं. भारत पहले ही अफगानिस्तान को गेहूं, दवाइयां और मानवीय सहायता भेज चुका है.  भारत इस कूटनीतिक ‘ओपनिंग' के ज़रिए यह दिखाना चाहता है कि वह अफगान राजनीति से पूरी तरह बाहर नहीं है.  दूसरी तरफ पाकिस्तान यह नहीं चाहता कि भारत को काबुल में कोई भी रणनीतिक स्पेस मिले. 

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