पाकिस्तान ने अनुमानित 1.7 मिलियन अफ़गानों सहित सभी गैर-दस्तावेज आप्रवासियों को 1 नवंबर तक स्वेच्छा से देश छोड़ने का आदेश दिया है. पाकिस्तान (Pakistan) की सरकार की तरफ से कहा गया है कि इस डेडलाइन तक भी जो देश छोड़कर नहीं जाते हैं उन्हें बलपूर्वक देश से निकाला जाएगा. पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री सरफराज बुगती ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान देश से सभी अवैध अप्रवासियों को हटाने के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार की तरफ से दावा किया गया है कि इस साल हुए 24 आत्मघाती बम विस्फोटों में से 14 अफगान नागरिकों के द्वारा किया गया है.
मंत्री ने कहा कि डेडलाइन में कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि अप्रवासियों की मदद करने या उन्हें छुपाने में शामिल किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी. डीडब्ल्यू की खबर के अनुसार बुगती ने कहा कि सभी अवैध अप्रवासियों की पहचान कर ली गई है. राज्य के पास पूरा डेटा है. उन्होंने कहा कि मैं एक बार फिर अपील करना चाहता हूं कि सभी अवैध आप्रवासियों को स्वेच्छा से समय सीमा के भीतर चला जाना चाहिए.
ये "अवैध अप्रवासी" कौन हैं?
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की खबर के अनुसार पाकिस्तान में करीब 4 मिलियन अफगान प्रवासी रहते हैं. इनमें से लगभग 1.7 मिलियन लोगों के पास दास्तावेज नहीं हैं. अधिकांश लोग 2021 में तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर दोबारा कब्ज़ा करने के बाद इस क्षेत्र में पहुंचे हैं. इसकी शुरुआत 1979 में सोवियत आक्रमण के दौरान ही हुई थी. अब, जब नकदी की कमी से जूझ रहा पाकिस्तान रिकॉर्ड मुद्रास्फीति और एक कठिन अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष बेलआउट कार्यक्रम का सामना कर रहा है, तो देश के अधिकारियों ने दशकों से गैर-दस्तावेज प्रवासियों पर संसाधनों को बर्बाद करने का आरोप लगाया है. इस्लामाबाद ने यह भी दावा किया है कि इस साल देश में हुए कई बम विस्फोट अफगान नागरिकों ने किए हैं.
अधिकारियों के मुताबिक, जो अवैध आप्रवासी स्वेच्छा से देश छोड़ने के इच्छुक हैं, उन्हें राष्ट्र की ओर से मदद की जाएगी. लेकिन अधिकारियों ने यह भी चेतावनी दी कि बुधवार के बाद देश में अवैध रूप से पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. पाकिस्तान ने यह भी कहा कि 14 लाख अफगानी जो पंजीकृत शरणार्थी हैं, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है. इसने अफगान नागरिकों को निशाना बनाने से इनकार किया और कहा कि ध्यान केवल उन लोगों पर है जो अवैध रूप से देश में हैं, चाहे उनकी राष्ट्रीयता कुछ भी हो.
निर्वासन केंद्र
डीडब्ल्यू के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान में तीन निर्वासन केंद्र स्थापित किए गए हैं. अन्य तीन केंद्र उत्तर पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में भी स्थापित किए गए हैं. उत्तर पश्चिम खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कार्यवाहक मुख्यमंत्री आजम खान ने कहा कि कार्रवाई की घोषणा के बाद से 60,000 से अधिक अफगान घर लौट गए हैं.
पाकिस्तान की कार्रवाई की दुनिया भर में निंदा
कई राजनयिकों और प्रतिनिधियों ने आप्रवासियों पर पाकिस्तान की कार्रवाई की निंदा की है। अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के इस कदम को 'उत्पीड़न' बताया है. इस्लामाबाद में अफगान दूतावास ने एक्स पर एक बयान में कहा कि पिछले दो हफ्तों में 1,000 से अधिक अफगानों को हिरासत में लिया गया है. उनमें से आधे को पाकिस्तान में रहने का कानूनी अधिकार होने के बावजूद हिरासत में लिया गया है. इसमें कहा गया है कि पाकिस्तानी अधिकारियों के बार-बार किए गए वादों के बावजूद, पाकिस्तान में पुलिस द्वारा अफगान शरणार्थियों की गिरफ्तारी और उत्पीड़न जारी है.
पूर्व अमेरिकी राजनयिकों और पुनर्वास संगठनों के प्रतिनिधियों के एक समूह ने भी पाकिस्तान से उस कार्यक्रम के तहत अमेरिकी वीजा का इंतजार कर रहे अफगानों को निर्वासित नहीं करने का आग्रह किया है. डीडब्ल्यू के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र ने भी इसी तरह की अपील करते हुए कहा कि इस कार्रवाई से परिवारों के अलगाव सहित मानवाधिकारों का उल्लंघन हो सकता है.