13 लाख अफगान शरणार्थियों को बाहर निकालेगा पाकिस्तान, जानें 30 जून के बाद क्यों नहीं रह सकेंगे

अवैध विदेशी प्रत्यावर्तन योजना (आईएफआरपी) के कार्यान्वयन के सिलसिले में आंतरिक मंत्रालय का चार अगस्त का पत्र चारों प्रांतों के मुख्य सचिवों और पुलिस प्रमुखों के साथ-साथ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र के प्रशासन को भेजा गया है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
30 जून के बाद पाकिस्तान में नहीं रह सकेंगे POR कार्ड वाले अफगान शरणार्थी. (फाइल फोटो)
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • पाकिस्तान सरकार ने 1 सितंबर से 13 लाख से अधिक अफगान शरणार्थियों को स्वदेश वापस भेजने का निर्णय लिया है.
  • 30 जून 2025 को पीओआर कार्ड धारकों की वैधता समाप्त होने के बाद वे अवैध निवासी माने जाएंगे.
  • प्रांतों के मुख्य सचिवों और पुलिस प्रमुखों को अफगान शरणार्थियों के प्रत्यावर्तन के निर्देश भेजे गए हैं.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

पाकिस्तान सरकार पीओआर कार्ड धारक 13 लाख से ज्यादा अफगान शरणार्थियों (Afghan Refugees In Pakistan) को 1 सितंबर से उनके देश वापस भेजने जा रही है. पाक में रह रहे पंजीकरण प्रमाण (पीओआर) कार्ड धारक वापस उनके देश वापस भेजे जाएंगे. ये जानकारी बुधवार को पाकिस्तानी मीडिया के हवाले से सामने आई थी. दरअसल पाकिस्तान में अफगान शरणार्थियों को स्वदेश भेजने की कोशिशें 2023 में शुरू हुई थीं, जब सरकार ने सभी अवैध विदेशियों को निर्वासित करने की घोषणा की थी. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, अब तक करीब 8,00,000 अफगान नागरिकों को वापस भेजा जा चुका है.

ये भी पढ़ें- ट्रंप की नई 'टैरिफ मिसाइल' से इन सेक्टरों को सबसे ज्यादा खतरा, जानें कहां लग सकती है कितनी चोट

पाक में 13 लाख से अधिक अफगान शरणार्थियों पर संकट

‘द डॉन' अखबार की खबर के मुताबिक, संघीय सरकार ने सभी प्रांतों को सूचित किया है कि पीओआर कार्ड धारक 13 लाख से अधिक अफगान शरणार्थियों का औपचारिक निर्वासन एक सितंबर से शुरू होगा.खबर में कहा गया है कि यह फैसला आंतरिक मंत्रालय की 31 जुलाई की इस घोषणा के बाद लिया गया है कि पीओआर कार्ड धारक (जो बिना वीजा के पाकिस्तान में कानूनी रूप से रहने वाले अफगान नागरिकों की अंतिम श्रेणी है) 30 जून को उनके कार्ड की वैधता समाप्त होने के बाद अवैध निवासी बन गए हैं.

खबर के मुताबिक, अवैध विदेशी प्रत्यावर्तन योजना (आईएफआरपी) के कार्यान्वयन के सिलसिले में आंतरिक मंत्रालय का चार अगस्त का पत्र चारों प्रांतों के मुख्य सचिवों और पुलिस प्रमुखों के साथ-साथ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र के प्रशासन को भेजा गया है.

अफगान शरणार्थियों को वापस जाना होगा

चिट्ठी में कहा गया है कि यह फैसला लिया गया है कि पीओआर कार्ड धारकों की स्वैच्छिक वापसी तुरंत शुरू की जाएगी, जबकि औपचारिक प्रत्यावर्तन और निर्वासन प्रक्रिया एक सितंबर 2025 से प्रभावी होगी. अफगान नागरिक कार्ड (एसीसी) धारकों सहित सभी अवैध विदेशी नागरिकों का प्रत्यावर्तन आईएफआरपी के तहत पहले के निर्णय के अनुसार जारी रहेगा.

पत्र में पीओके के अधिकारियों को प्रांतीय, संभागीय और जिला समितियों को पीओआर कार्ड धारकों का डेटाबेस उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय डेटाबेस और पंजीकरण प्राधिकरण (एनएडीआरए) पारगमन क्षेत्रों और सीमा टर्मिनल पर स्वदेश लौटने वाले अफगान नागरिकों के पंजीकरण को रद्द करने की सुविधा प्रदान करेगा, जबकि संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) निर्दिष्ट सीमा चौकियों पर प्रत्यावर्तन में सहयोग देगी.

Advertisement

30 जून के बाद पाकिस्तान में नहीं रह सकेंगे ये शरणार्थी

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (UNHCR) के मुताबिक, 30 जून 2025 तक पाकिस्तान में मौजूद अफगान शरणार्थियों की संख्या 13 लाख से अधिक आंकी गई है. यूएनएचसीआर के मुताबिक, आधे से ज्यादा (7,17,945) अफगान शरणार्थी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में, जबकि 3,26,584 बलूचिस्तान में; 1,95,188 पंजाब में; 75,510 सिंध में और 43,154 इस्लामाबाद में रह रहे हैं.

इनपुट- भाषा

Featured Video Of The Day
Tariff: Trump की नीतियां America के लिए मुसीबत, समझिए India के लिए क्या है इसका मतलब? | Kachehri