- अमेरिका पाकिस्तान को AIM-120 एडवांस मीडियम रेंज की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें देने को तैयार
- अमेरिका ने AIM-120 मिसाइल के उत्पादन के लिए नया कॉन्ट्रैक्ट दिया है जिसमें पाकिस्तान को खरीदार बनाया गया है
- AIM-120 मिसाइल विशेषकर पाकिस्तान के F-16 फाइटर जेट के साथ काम करती है
पाकिस्तान को अमेरिका से ‘AIM-120 एडवांस मीडियम रेंज' की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (AMRAAM) मिलने की संभावना है. अमेरिका और पाकिस्तान में बढ़ती यारी के बीच यह जानकारी मंगलवार को मीडिया में आई एक खबर में दी गई. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में अमेरिका के युद्ध विभाग (DoW), जिसे पहले रक्षा विभाग कहा जाता था, द्वारा अधिसूचित हथियारों के एक कॉन्ट्रैक्ट में पाकिस्तान को AIM-120 AMRAAM के खरीदारों में शामिल किया गया है.
DoW के अनुसार, AMRAAM को बनाने वाली रेथियॉन को मिसाइल के C8 और D3 वेरिएंट के उत्पादन के लिए "पहले दिए गए कॉन्ट्रैक्ट (FA8675-23-C-0037)" पर 41.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का नया कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है. इस संशोधन में पाकिस्तान को विदेशी सैन्य खरीददारों में शामिल किया गया है और इसके बाद कॉन्ट्रैक्ट का कुल मूल्य 2.51 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया है.
किन देशों को बेचने की तैयारी?
नोटिफिकेशन में कहा गया है ‘‘ इस कॉन्ट्रैक्ट में ब्रिटेन, पोलैंड, पाकिस्तान, जर्मनी, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, रोमानिया, कतर, ओमान, कोरिया, यूनान, स्विट्जरलैंड, पुर्तगाल, सिंगापुर, नीदरलैंड, चेक गणराज्य, जापान, स्लोवाकिया, डेनमार्क, कनाडा, बेल्जियम, बहरीन, सऊदी अरब, इटली, नॉर्वे, स्पेन, कुवैत, फिनलैंड, स्वीडन, ताइवान, लिथुआनिया, इजराइल, बुल्गारिया, हंगरी और तुर्की को विदेशी सैन्य बिक्री शामिल है.''
इसमें कहा गया है कि ऑर्डर पर काम मई 2030 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि वास्तव में पाकिस्तान को कितनी (अगर मिलेंगी तो) नई AMRAAM मिसाइलें दी जाएंगी. लेकिन इस खबर ने पाकिस्तान वायु सेना के F-16 फाइटर जेट में संभावित अपग्रेड के बारे में अटकलें शुरू कर दी हैं.
AMRAAM कहां आएगा पाकिस्तान के काम?
अखबार के अनुसार, पाकिस्तान के एयर फोर्ट में AMRAAM विशेष रूप से F-16 फाइटर जेट के साथ काम करता है और कथित तौर पर फरवरी 2019 में विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान द्वारा उड़ाए जा रहे भारतीय वायु सेना के मिग -21 को मार गिराने के लिए इसका ही इस्तेमाल किया गया था.
खास बात है कि पाकिस्तान एयर फोर्स के चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर ने जुलाई में अमेरिकी विदेश विभाग का दौरा किया था. डिफेंस पब्लिकेशन Quwa के अनुसार AIM-120D अमेरिकी सेना के पास मौजूद मुख्य AMRAAM वर्जन है जबकि AIM-120C8 इसका दूसरे देश को बेचे जाने वाला वर्जन है. अखबार में कहा गया है कि पाकिस्तान की एयर फोर्स अभी पुराने C5 वर्जन से काम चला रही है. उसने ऐसे 500 मिसाइल को 2010 में इसके नवीनतम ब्लॉक 52 F-16 के साथ हासिल किया गया था.
AIM-120 की खासियत
अमेरिका की एयर फोर्स के अनुसार यह हवा से हवा में मार करने वाली सामरिक मिसाइल है जिसे ह्यूजेस एयरक्राफ्ट कंपनी और रेथियॉन कंपनी बनाती है. इसकी लंबाई 143.9 इंच (366 सेंटीमीटर) और इसका लॉन्च करते वक्त वजन 150.75 किलोग्राम होता है. अगर रेंज की बात करें तो यह 20 मील से अधिक तक मार कर सकती है और वो भी सुपरसोनिक रफ्तार से. इसमें एक्टिव रडार टर्मिनल या इनर्शियल मिडकोर्स लगे हैं जो इसे टागरेट पर पहुंचाते हैं. इसका शुरुआती वर्जन सितंबर 1991 से ही अमेरिकी सेना काम में ला रही है. यह AIM-120 की बेसिक खासियत है. अब नए नए वर्जन के साथ यह और भी मारक होती जा रही है.
अमेरिका और पाकिस्तान आ रहे करीब
यह पूरी खबर इसलिए भी अहम हो जाती है क्योंकि मई में ही पाकिस्तान और भारत के बीच चार दिवसीय सैन्य संघर्ष हुआ था. उसके बाद से अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंधों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. पाकिस्तान ने सीजफायर कराने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को झूठा श्रेय दिया है और नोबेल शांति पुरस्कार के लिए उनका नाम प्रस्तावित करके ट्रंप को और खुश कर दिया है. जबकि भारत ने लगातार कहा है कि दोनों सेनाओं के डीजीएमओ के बीच सीधी बातचीत के बाद पाकिस्तान के साथ सीजफायर करने पर सहमति बनी थी.