आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने यूक्रेन को बेचे करोड़ों अमेरिकी डॉलर के हथियार: रिपोर्ट में दावा

बीबीसी उर्दू ने अपने दावों के समर्थन में और सबूतों का हवाला देते हुए कहा कि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान देश के हथियारों के निर्यात में 3,000 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

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इस्लामाबाद/लंदन:

मीडिया में आई एक खबर के अनुसार आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने रूस से जारी युद्ध में यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करने के लिए पिछले साल कथित तौर पर दो निजी अमेरिकी कंपनियों के साथ हथियारों का सौदा करके 36 करोड़ 40 लाख अमेरिकी डॉलर कमाए थे. सोमवार को बीबीसी उर्दू की खबर के अनुसार एक ब्रिटिश सैन्य मालवाहक विमान ने यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करने के लिए रावलपिंडी में पाकिस्तान वायु सेना के नूर खान अड्डे से साइप्रस, अक्रोटिरी में ब्रिटिश सैन्य अड्डे और फिर रोमानिया के लिए कुल पांच बार उड़ान भरी.

हालांकि, पाकिस्तान ने लगातार इस बात से इनकार किया है कि उसने रोमानिया के पड़ोसी देश यूक्रेन को हथियार मुहैया कराए हैं.

बीबीसी की खबर में अमेरिका की संघीय खरीद डेटा प्रणाली से मिले अनुबंध के विवरण का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि पाकिस्तान ने 155 एमएम तोप के गोले की बिक्री के लिए 'ग्लोबल मिलिट्री' और 'नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन' नामक अमेरिकी कंपनियों के साथ दो अनुबंध पर हस्ताक्षर किए.

खबर में कहा गया है कि यूक्रेन को हथियार उपलब्ध कराने के इन समझौतों पर 17 अगस्त, 2022 को हस्ताक्षर किए गए थे और ये विशेष रूप से 155 एमएम तोप के गोले की खरीद से जुड़े थे.

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बीबीसी उर्दू ने अपने दावों के समर्थन में और सबूतों का हवाला देते हुए कहा कि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान देश के हथियारों के निर्यात में 3,000 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

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खबर में कहा गया है, 'पाकिस्तान ने 2021-22 में 1 करोड़ 30 लाख अमेरिकी डॉलर के हथियार निर्यात किए, जबकि 2022-23 में यह निर्यात 41 करोड़ 50 लाख अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया.'

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन को हथियारों व गोला-बारूद बेचने से इनकार करते हुए कहा है कि पाकिस्तान ने दोनों देशों के बीच विवाद में सख्त तटस्थता की नीति बनाए रखी है और दोनों देशों को इस युद्ध में कोई हथियार या गोला-बारूद उपलब्ध नहीं कराया है.

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ये कथित समझौते पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के शासनकाल के दौरान हुए थे. विभिन्न दलों के गठबंधन पीडीएम ने पिछले साल अप्रैल में अविश्वास मत के माध्यम से इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार गिरा दी थी.

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