पाकिस्तान : सीनेट ने आठ फरवरी के आम चुनाव में देरी की मांग करने वाला प्रस्ताव पारित किया

पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने सीनेट के प्रस्ताव को खारिज कर दिया और स्पष्ट किया कि चुनाव आठ फरवरी 2024 को होंगे

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
पाकिस्तान का संसद भवन.
इस्लामाबाद:

पाकिस्तान की संसद के उच्च सदन ‘सीनेट' ने ठंड के मौसम और सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए आम चुनाव में देरी किये जाने की मांग करने संबंधी एक गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव को शुक्रवार को मंजूरी दे दी. प्रस्ताव को मंजूरी दिये जाने से आठ फरवरी को प्रस्तावित आम चुनावों से पहले राजनीतिक अनिश्चितता पैदा हो गई है.निर्दलीय सांसद दिलावर खान ने उच्च सदन में यह प्रस्ताव पेश किया ,जिसे पारित कर दिया गया. प्रमुख राजनीतिक दलों द्वारा इस कदम को ‘‘असंवैधानिक'' करार दिया गया है.

पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने भी सीनेट के प्रस्ताव को खारिज कर दिया और स्पष्ट किया कि चुनाव आठ फरवरी, 2024 को होंगे. इसे ‘सीनेट' के 100 सदस्यों में से केवल 14 सांसदों की मौजूदगी में पारित किया गया.

वहीं, सूचना मंत्री मुर्तजा सोलांगी और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी ने इस कदम का विरोध किया.

‘जियो न्यूज' की खबर के अनुसार जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के सांसद गुरदीप सिंह और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बेहरामंद तांगी ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया.

सांसद खान ने कहा कि देश के ज्यादातर क्षेत्रों में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है, इसलिए उन क्षेत्रों के लोगों का चुनाव में भाग ले पाना संभव नहीं होगा.

सुरक्षा स्थिति पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है और राजनीतिक नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है, जिसमें जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) प्रमुख फजलुर रहमान पर हमले की घटना भी शामिल है. उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा (प्रांत) में भी सुरक्षा बलों पर हमला किया जा रहा है.''

Advertisement

सीनेट के इस कदम से देश में राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता बढ़ने की आशंका है.

इस बीच ‘समा' टीवी की रिपोर्ट के अनुसार ईसीपी ने सीनेट के प्रस्ताव को खारिज कर दिया और स्पष्ट किया कि 2024 के चुनाव आठ फरवरी को होंगे. ईसीपी ने एक बयान में कहा कि अगला आम चुनाव आठ फरवरी को ही होगा.

प्रमुख राजनीतिक दलों ने भी इस गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि चुनावी प्रक्रिया को और टालना ‘‘असंवैधानिक'' होगा.

Advertisement

प्रस्ताव पारित होने के तुरंत बाद इसे खारिज करते हुए पीएमएल-एन सांसद अफनानुल्लाह खान ने स्वीकार किया कि देश में सुरक्षा की स्थिति बेहतर नहीं है. उन्होंने हालांकि कहा कि 2008 और 2013 में हालात बदतर थे, फिर भी दोनों साल चुनाव हुए.

‘पीटीआई' नेता शेर अफजल मारवात ने ‘जियो न्यूज' को बताया कि सीनेट में संविधान का ‘‘उल्लंघन'' किया गया. उन्होंने कहा, ‘‘आम चुनाव में देरी का प्रस्ताव संविधान पर हमला है.''

Advertisement

इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान में आठ फरवरी को आम चुनाव होने पर संदेह जताया और 2022 में उन्हें सत्ता से ‘‘अमेरिका के दबाव में'' हटाए जाने की बात दोहराई. पाकिस्तान सरकार और अमेरिकी विदेश विभाग खान के आरोपों को पहले ही खारिज कर चुका है.

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के संस्थापक खान रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं. उन्हें तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराया गया है और उन पर कई अन्य मामलों में भी मुकदमा चल रहा है.

Advertisement

पाकिस्तान में चुनावों के बारे में पूछे गए सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, ‘‘हम पाकिस्तान में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से चुनाव संपन्न होते देखना चाहते हैं.''

मिलर ने गुरुवार को वाशिंगटन में कहा था, ‘‘यह अमेरिका का काम नहीं है कि वह पाकिस्तान को निर्देश दे कि उसे किस तरह चुनाव कराना चाहिए. हम केवल स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न होते देखना चाहते हैं.''

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Donald Trump Declares National Emergency at Mexico Border: America में घुसने वालों सावधान!
Topics mentioned in this article