पाकिस्तान (Pakistan) में सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार, पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री के रूप में हमजा शहबाज (Hamza Shebaz) के विवादास्पद पुन: चुनाव से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए और संविधान के अनुच्छेद 63-ए की व्याख्या को लेकर सोमवार को न्यायालय में याचिका दायर कर एक पूर्ण पीठ के गठन का अनुरोध कर सकती है. संविधान का अनुच्छेद 63-ए दलबदल करने वाले विधायकों एवं सांसदों से संबंधित है. अनुच्छेद 63-ए को विधायकों एवं सांसदों की ‘खरीद-फरोख्त' रोकने के लिए संविधान में शामिल किया गया है.
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बेटे हमजा ने शनिवार को पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. इससे एक दिन पहले उन्होंने विधानसभा में मुख्यमंत्री पद के लिए हुए चुनाव में नाटकीय घटनाक्रम के बीच उस समय मात्र तीन मतों के अंतर से जीत हासिल की थी, जब सदन के उपाध्यक्ष दोस्त मुहम्मद मजारी ने उनके प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार चौधरी परवेज इलाही के 10 महत्वपूर्ण मतों को खारिज कर दिया था.
पंजाब की 368 सदस्यीय विधानसभा में हमजा की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज को 179 वोट मिले, जबकि इलाही की पार्टी को 176 मत मिले.
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) द्वारा समर्थित इलाही ने बाद में उच्चतम न्यायालय का रुख किया, जिसने सोमवार को सुनवाई शुरू होने से पहले तक हमजा को पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री पद पर बने रहने की अनुमति दे दी.
उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग-N ने पूर्ण पीठ के गठन की सार्वजनिक रूप से मांग की और शीर्ष अदालत की 'विशेष पीठ' के 'एकतरफा' फैसले पर सवाल उठाया.
सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने रविवार को कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन ने अब इस मुद्दे पर औपचारिक रूप से शीर्ष अदालत जाने का फैसला किया है.