Pakistan: इमरान खान को 'फिलहाल राहत', संसद सोमवार तक हुई स्थगित

Pakistan: संसदीय कामकाज के नियमों का हवाला देते हुए राष्ट्रीय संसद के स्पीकर असद कैसर ने कहा कि राष्ट्रीय संसद के किसी सदस्य की मौत के बाद पहली बैठक में मृतक की आत्मा की शांति के लिए दुआ की जाती है और सांसद उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. और इसके बाद उन्होंने संसद स्थगित कर दी.

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Pakistan की संसद में आज नहीं रखा गया इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव

पाकिस्तान (Pakistan) की राष्ट्रीय संसद सोमवार तक स्थगित (Parliament adjourned)  हो गई है. आज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी थी. बताया जा रहा है कि अपनों के विरोध की वजह से ख़तरे में है इमरान की कुर्सी. पाकिस्तान में संसद के इस सत्र का लंबे समय से इंतजार हो रहा था. लेकिन प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की सरकार के खिलाफ बिना अविश्वास प्रस्ताव को संसद के पटल पर रखे ही पाकिस्तान की संसद स्थगित हो गई. यह सत्र खयाल जमान के प्रति श्रद्धांजलि देने के लिए रखा गया. सत्ताधारी पार्टी के सदस्य जमाल का हाल ही में इंतकाल हो गया था.  

पाकिस्तान के अखबार डॉन के मुताबिक, संसदीय कामकाज के नियमों का हवाला देते हुए राष्ट्रीय संसद के स्पीकर असद कैसर ने कहा कि राष्ट्रीय संसद के किसी सदस्य की मौत के बाद पहली बैठक में मृतक की आत्मा की शांति के लिए दुआ की जाती है और सांसद उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.

कैसर ने कहा कि वो संसद के नियमों के अनुसार कामकाज आगे बढ़ाएंगे. इसके बाद उन्होंने 28 मार्च को शाम 4 बजे तक संसद का सत्र स्थगित कर दिया.  संसद के स्पीकर असद कैसर की इससे पहले विपक्ष ने इमरान खान का पक्ष लेने और सत्ताधारी पार्टी पीटीआई की मीटिंग में शामिल होने के लिए आलोचना की थी.  

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गुरुवार शाम को राष्ट्रीय संसद के सचिवालय की ओर से अगले दिन के लिए 15 सूत्रीय कामकाज का ब्यौरा दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि इसमें अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी.  

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यह घटना ऐसे समय हुई है जब विपक्षी दलों ने कसम खाई थी कि वो अविश्वास प्रस्ताव को संसद के पटल पर रखवाए बिना संसद को स्थगित नहीं होने देंगे.  

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,  गुरुवार रात को एक मीटिंग में यह फैसला हुआ था कि विपक्ष कड़ा विरोध करेगा अगर संसद का कामकाज स्थगित किया जाता है.  

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विपक्षी दलों ने इस सत्र के लिए लंबी तैयारी की थी. 8 मार्च को राष्ट्रीय संसद के स्पीकर को एक पत्र लिख कर विपक्ष ने इस संसद सत्र की मांग की थी.  

दूसरी तरफ सत्ताधारी पीटीआई ने अपने सदस्यों को कोई विशेष निर्देश नहीं दिए थे कि वो इस सत्र में शामिल हों, क्योंकि यह सत्र विपक्ष की अपील पर बुलाया गया था.  

इससे पहले एकजुट हुए विपक्ष ने सत्र की मांग के 14 दिन बाद भी संसद का सत्र ना होने पर विरोध जताया था और कहा कि स्पीकर की तरफ से यह देरी करना असंवैधानिक है. 

पाकिस्तान की राष्ट्रीय संसद में कुल 342 सदस्य हैं. इसमें बहुमत का आंकड़ा 172 है. पीटीआई की गठबंधन वाली सरकार के पास 179 सांसदों का समर्थन है. इसमें इमरान खान की पीटीआई के 155 सांसद हैं. और चार प्रमुख गठबंध सहयोगी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट -पाकिस्तान (MQM-P), पाकिस्तान मुस्लिम लीग -कुवैद (PML-Q), बलोचिस्तान अवामी पार्टी (BAP) और ग्रांड डेमोक्रेटिक अलाएंस  (GDA) हैं जिनके क्रमश: 7, 5, 5 और तीन सदस्य संसद में हैं. 

संसद में इमरान खान की हालत ढ़ीली है क्योंकि 4 में से 3 सहयोगी MQM-P, PML-Q और BAP ने कहा है कि वो अविश्वास प्रस्ताव के दौरान विपक्ष का साथ देंगे.  

गठबंधन के साथियों के विपक्षी खेमें में शामिल होने की खबरों से नाराज इमरान खान ने हाल ही में वरिष्ठ पीटीआई नेताओं की एक टीम उनसे मिलने के लिए भेजी थी ताकि उन्हें ये भरोसा दिया जा सके कि उनकी परेशानियों को हल किया जाएगा.  

इमरान खान की परेशानी बढ़ाते हुए उनकी अपनी पार्टी के 20 सदस्य इस्लामाद के सिंध हाउस में शरण ले चुके हैं और ऐसा माना जा रहा है कि वो अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट देंगे. 

पाकिस्तान में विपक्षी दलों के पास 162 सदस्यों का समर्थन है और ऐसा माना जा रहा है कि गठबंधन में शामिल सांसद भी उनका साथ देंगे.  इससे विपक्ष आसानी से 179 सांसदों के साथ बबुमत का आंकड़ा पार कर जाएगा.  

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