पाकिस्तान में इंटरनेट पर 'लॉकडाउन'! आखिर बार-बार क्यों गायब हो जा रहा पड़ोसियों का नेट सिग्नल

Pakistan Internet outage: वायरलेस एंड इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान के अनुसार, अनुमानित रूप से देश के करीब दो-तिहाई इंटरनेट उपभोक्ता इस ऑउटरेज से प्रभावित हुए.

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पाकिस्तान में इंटरनेट पर 'लॉकडाउन' (प्रतिकात्मक फोटो)
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  • पाकिस्तान में हाल ही में आई बाढ़ के कारण देशव्यापी इंटरनेट सेवा में व्यापक बाधा आई, जिससे कारोबार प्रभावित हुआ
  • वायरलेस एंड इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एसोसिएशन के अनुसार लगभग दो-तिहाई यूजर इस इंटरनेट ऑउटरेज से प्रभावित हुए
  • पाकिस्तान के इंटरनेट ढांचे की कमजोरी बार-बार ऐसी तकनीकी गड़बड़ियों का कारण बन रही है.
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पाकिस्तान में जलप्रलय ने सिर्फ सौकड़ों इंसानों की जान नहीं ली है बल्कि एक तरह से लॉकडाउन की स्थिति भी पैदा कर दी है. पाकिस्तान में बुधवार, 21 अगस्त को देशव्यापी इंटरनेट बंदी से कारोबार, वित्तीय सेवाएं और आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया. उद्योग विशेषज्ञों ने इसे हाल के वर्षों की सबसे गंभीर तकनीकी गड़बड़ियों में से एक बताया है.

वायरलेस एंड इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान के अनुसार, अनुमानित रूप से देश के करीब दो-तिहाई इंटरनेट उपभोक्ता इस बाधा से प्रभावित हुए. यानी पाकिस्तान में हर 3 में से 2 लोग के पास इंटरनेट सुविधा नहीं थी. गौरतलब है कि इसी तारीख को 2022 में भी पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर बाढ़ के कारण फाइबर रूट क्षतिग्रस्त होने से देशव्यापी इंटरनेट बंदी हुई थी.

इस बार भी इंटरनेट बंदी के पीछे पाकिस्तान में आई खतरनाक बाढ़ को वजह माना जा रहा है. इंटरनेट सेवा के बाढ़ से प्रभावित होने के पीछे इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर की कमजोरी वजह है. 

डिजिटल क्षेत्र की कमजोर स्थिति पर चिंता जताते हुए वायरलेस एंड इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान के अध्यक्ष शाहजाद अरशद ने कहा, “यह एक राष्ट्रीय विफलता है. इंटरनेट बंद होना अब पाकिस्तान में कोई दुर्लभ घटना नहीं रहा, बल्कि यह बार-बार सामने आ रहा है. 2025 में भी दो-तिहाई देश का इंटरनेट उसी तारीख को ठप हो जाना, जिस दिन 2022 में ऐसा हुआ था, सरकार के लिए खतरे की घंटी है.”

उन्होंने कहा कि इंटरनेट अब बिजली जितना ही जरूरी हो चुका है क्योंकि फ्रीलांसर, अस्पताल, छात्र और बैंक सभी कामकाज के लिए इंटरनेट पर निर्भर हैं. अरशद ने चेतावनी दी, “हर घंटे की बंदी पाकिस्तान को करोड़ों का नुकसान पहुंचाती है और हमारी अंतरराष्ट्रीय साख को प्रभावित करती है.”

उद्योग संगठन ने नियामकों से अपील की है कि वे इंटरनेट ढांचे को विविध और मजबूत बनाने के लिए अधिक सेवा प्रदाताओं को प्रोत्साहित करें, क्षेत्रीय इंटरनेट एक्सचेंज विकसित करें और बैकअप प्रणाली में निवेश करें. अरशद ने कहा, “पाकिस्तान का डिजिटल भविष्य अब किसी एकल विफलता के बंधक के रूप में नहीं रह सकता. हमें बार-बार माफी नहीं बल्कि ठोस सुधार चाहिए.”

इसी बीच पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन कंपनी लिमिटेड ने आधी रात बाद एक संदेश में कहा कि उनकी सेवाओं में दिक्कत आ रही है और टीमें जल्द बहाली के लिए काम कर रही हैं. कंपनी ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, “प्रिय ग्राहकों, हमारी पीटीसीएल और यूफोन सेवाओं पर डाटा कनेक्टिविटी की समस्या आ रही है. हमारी टीमें सेवाएं बहाल करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही हैं. असुविधा के लिए खेद है.”

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इंटरनेट मॉनिटरिंग ग्रुप नेटब्लॉक्स ने 19 अगस्त को ‘एक्स' पर पुष्टि करते हुए कहा, “मेट्रिक्स से पता चलता है कि पाकिस्तान में इंटरनेट कनेक्टिविटी में बड़ी बाधा आई है. बैकबोन ऑपरेटर पीटीसीएल पर इसका सबसे ज्यादा असर हुआ है और राष्ट्रीय कनेक्टिविटी सामान्य स्तर के केवल 20 प्रतिशत पर आ गई है.” 

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