पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को भ्रष्टाचार के एक मामले में मंगलवार को अदालत परिसर से नाटकीय ढंग से गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद इस्लामाबाद हाईकोर्ट (Islamabad Highcourt) ने पाकिस्तान के शीर्ष अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को तलब किया है. इमरान भ्रष्टाचार समेत अन्य मामलों में जमानत के लिए अदालत पहुंचे थे.
इस्लामाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक ने भ्रष्टाचार मामले पर सुनवाई शुरू होने से पहले अदालत में बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराते समय अर्धसैनिक रेंजर्स द्वारा खान को गिरफ्तार किए जाने पर गौर किया. लाहौर से इस्लामाबाद पहुंचे इमरान खान इस्लामाबाद हाईकोर्ट में एक बायोमेट्रिक प्रक्रिया से गुजर रहे थे. तभी रेंजर्स ने कांच की खिड़की को तोड़ दिया. वकीलों और सुरक्षा कर्मचारियों की पिटाई करने के बाद उन्हें (इमरान खान को) गिरफ्तार कर लिया.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख खान (70) की गिरफ्तारी से एक दिन पहले शक्तिशाली सेना ने उन पर खुफिया एजेंसी ‘आईएसआई' के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ निराधार आरोप लगाने का इल्जाम लगाया था. हाईकोर्ट ने विभिन्न अधिकारियों को तलब किया और गिरफ्तारी के गुण-दोष, अदालत के अंदर मौजूद किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करना कानूनी था या नहीं, इस बारे में दलीलें सुनीं.
इस्लामाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने शुरू में गृह सचिव, इस्लामाबाद पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) और अन्य अधिकारियों को आदेश दिया कि वे 15 मिनट के भीतर गिरफ्तारी के बारे में जवाब दें. मुख्य न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया. अदालत ने फैसला सुनाने की कोई तिथि नहीं बताई.
उन्होंने कहा कि वह इस मामले में 'संयम' दिखा रहे हैं. चीफ जस्टिस ने इस्लामाबाद पुलिस प्रमुख के पेश होने में विफल रहने पर प्रधानमंत्री को बुलाने की चेतावनी दी. जस्टिस फारूक ने कहा, “अदालत में आइए और हमें बताइए कि इमरान को क्यों और किस मामले में गिरफ्तार किया गया है.” आईजी अकबर नासिर खान विधिवत अदालत में पेश हुए और कहा कि खान को उनसे और उनकी पत्नी से बुशरा बीबी से जुड़े कथित भ्रष्टाचार मामले में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने गिरफ्तार किया है.
इमरान खान के एक अन्य वकील बैरिस्टर गौहर खान ने दावा किया कि गिरफ्तारी के दौरान खान के सिर पर लोहे की छड़ से वार किया गया. साथ ही उनके पैर में चोट लग गई.