पाकिस्तान ने तनाव कम करने के लिए ईरान, सऊदी और अन्य देशों के साथ संपर्क स्थापित किया: रक्षा मंत्री

‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल असेंबली में आसिफ ने यह भी दावा किया कि भारत द्वारा हाल ही में किए गए ड्रोन हमले जवाबी कार्रवाई के बजाय टोही उद्देश्यों के लिए किए गए थे.

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इस्लामाबाद:

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शुक्रवार को कहा कि सरकार क्षेत्र में तनाव कम करने के प्रयासों के तहत ईरान, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सऊदी अरब, चीन और कतर सहित विभिन्न देशों के साथ दैनिक कूटनीतिक संपर्क स्थापित कर रही है. ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून' अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल असेंबली में आसिफ ने यह भी दावा किया कि भारत द्वारा हाल ही में किए गए ड्रोन हमले जवाबी कार्रवाई के बजाय टोही उद्देश्यों के लिए किए गए थे.

उन्होंने दावा किया कि संवेदनशील स्थानों को खतरे में डालने से बचने के लिए भारतीय ड्रोन को रोकने और उन्हें निष्क्रिय करने से पहले 'सुरक्षित सीमा' में प्रवेश करने की अनुमति दी गई थी.

सूचना मंत्री अत्ता तरार ने दावा किया कि बुधवार से बृहस्पतिवार शाम तक कम से कम 29 ड्रोन को रोका गया, जबकि बृहस्पतिवार की रात भर और शुक्रवार तक 48 अतिरिक्त ड्रोन को मार गिराया गया. हालांकि, भारत ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान ने कल रात भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए लेह से सर क्रीक तक 36 स्थानों पर 300-400 ड्रोन भेजे और भारतीय सेना ने ड्रोन को मार गिराया.

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बाईस अप्रैल के पहलगाम हमले के जवाब में भारत द्वारा बुधवार को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किए जाने के बाद दोनों देशों के सैन्य संघर्ष बढ़ गया है. आसिफ ने कहा कि सरकार स्थिति को कमतर करने के प्रयासों के तहत ईरान, यूएई, सऊदी अरब, चीन और कतर सहित विभिन्न देशों के साथ दैनिक राजनयिक संपर्क में लगी हुई है.

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उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब सऊदी अरब के विदेश राज्य मंत्री अदेल अल-जुबैर नई दिल्ली की यात्रा के बाद इस्लामाबाद पहुंचे. जुबैर ने बाद में विदेश मंत्रालय का दौरा किया, जहां उपप्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने उनका स्वागत किया. सरकारी रेडियो पाकिस्तान ने यह जानकारी दी.

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जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी मंत्री के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से मिलने की उम्मीद है. पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के विरुद्ध कई दंडात्मक उपायों की घोषणा की, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, अटारी-वाघा सीमा चौकी को बंद करना तथा आतंकवादी हमले के बाद राजनयिक संबंधों को कम करना शामिल था.

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