नकदी की कमी से जूझ रही पाकिस्तान (Pakistan) सरकार ने देश को श्रीलंका (Sri Lanka) जैसे हालात से बचाने के लिए 30 अरब पाकिस्तान रुपये के अतिरिक्त कर लगाने का फैसला किया है. एक मीडिया रिपोर्ट में सोमवार को यह बात कही गई. गौरतलब है कि पाकिस्तान तेल और गैस (Oil & Gas) के भुगतान में चूक से बचने के लिए 100 अरब पाकिस्तानी रुपये जुटाने की कोशिश कर रहा है. और इसे लेकर उसने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ एक कर्मचारी स्तर का समझौता भी किया है. श्रीलंका भी नगदी की कमी के चलते समय पर अपना कर्ज नहीं चुका पाया था और तेल और गैस का भुगतान नहीं कर पाया था. इसके बाद श्रीलंका को कंगाली की घोषणा करनी पड़ी और भारी जनविद्रोह देखना पड़ा.
फिलहाल पाकिस्तान की वित्ता मंत्री मिफ्ता इस्माइल की अध्यक्षता में रविवार को मंत्रिमंडल की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) की विशेष बैठक में 30 अरब रुपए के कर्ज बढ़ाने का यह निर्णय लिया गया.
डॉन समाचार पत्र ने बताया कि 153 अरब पाकिस्तानी रुपये के प्राथमिक बजट अधिशेष के लिए आईएमएफ के साथ बजटीय प्रतिबद्धता जताई गई है और अतिरिक्त कराधान के बिना इस लक्ष्य को पूरा नहीं किया जा सकता.
रिपोर्ट में कहा गया कि ईसीसी ने मूल्य अनिश्चितताओं को कम करने के लिए मौजूदा पाक्षिक मूल्य निर्धारण की जगह साप्ताहिक या 10 दिन में मूल्य समायोजन पर विचार करने का फैसला भी किया है.
बैठक के बाद एक घोषणा में कहा गया कि ईसीसी ने ‘‘वित्त विभाग और संघीय राजस्व बोर्ड को एक सप्ताह के भीतर कराधान के जरिए 30 अरब पाकिस्तानी रुपये जुटाने का प्रस्ताव देने को कहा है.''
इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी पाकिस्तान स्टेट ऑयल (पीएसओ) को तत्काल भुगतान के लिए 30 अरब पाकिस्तानी रुपये के पूरक बजट अनुदान को भी मंजूरी दी.