- पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच एक सामरिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं
- पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सऊदी के साथ हुए समझौते पर दी प्रतिक्रिया
- इस समझौते के तहत पाकिस्तान अपनी परमाणु क्षमताएं सऊदी अरब को भी देगा
पाकिस्तान और सऊदी अरब ने एक बेहद अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके अनुसार उनमें से किसी भी देश पर किसी भी हमले को ‘दोनों देशों पर हमला' माना जायेगा. पाकिस्तान और सऊदी के बीच हुए इस समझौते को भारत के लिए परेशानी का सबब बताया जा रहा है. इस बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर भारत पाकिस्तान पर युद्ध की घोषणा करता है, तो इस स्थिति में सऊदी अरब उसकी रक्षा करने के लिए आगे आएगा. पाक रक्षा मंत्री का यह बयान उस सामरिक रक्षा समझौते के बाद आया है, जो कि पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच शहबाज़ शरीफ की रियाद यात्रा के दौरान हुआ.
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने क्या कुछ कहा
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने जियो टीवी पर इस समझौते को NATO के आर्टिकल 5 से तुलना करते हुए कहा, “अगर किसी एक देश पर हमला होता है, तो वह दोनों पर माना जाएगा.” उन्होंने कहा कि यह समझौता पूरी तरह रक्षात्मक है, न कि आक्रामक. “अगर सऊदी या पाकिस्तान पर कोई आक्रमण होता है, तो हम मिलकर उसका जवाब देंगे.” इस समझौते का सबसे विवादास्पद पहलू यह है कि पाकिस्तान ने अपनी परमाणु क्षमताएं सऊदी अरब को देगा. ख्वाजा आसिफ ने कहा, “हमारी क्षमताएं इस समझौते के तहत सऊदी अरब को उपलब्ध होंगी.” एक सीनियर सऊदी अधिकारी ने भी पुष्टि की कि यह समझौता सभी सैन्य साधनों को शामिल करता है, जिसमें परमाणु सुरक्षा भी शामिल हो सकती है. इससे पश्चिम एशिया में सामरिक संतुलन बदलने की संभावना है.
पाक, सऊदी की डील पर क्या बोला भारत
भारत ने सऊदी अरब के पाकिस्तान के साथ रणनीतिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करने के मद्देनजर कहा कि वह उम्मीद करता है कि सऊदी अरब ‘‘पारस्परिक हितों और संवेदनशीलता'' को ध्यान में रखेगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘‘भारत और सऊदी अरब के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी है, जो पिछले कुछ वर्षों में काफी प्रगाढ़ हुई है.'' उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि हमारी रणनीतिक साझेदारी पारस्परिक हितों और संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ेगी.'' पाकिस्तान-सऊदी अरब समझौते पर अपनी प्रारंभिक प्रतिक्रिया में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि वह देश के राष्ट्रीय हितों की रक्षा और व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाएगा.
एक्सपर्ट्स का क्या कहना
एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह समझौता सऊदी अरब के लिए एक न्यूक्लियर शील्ड की तरह काम करेगा और पाकिस्तान अरब देशों के साथ एक मजबूत गठबंधन की ओर देख रहा है. यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब इज़राइल ने हाल ही में कतर की राजधानी दोहा में हमास नेताओं पर हमला किया था, जिससे पूरे खाड़ी क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ गई है. पाकिस्तान के लिए यह समझौता वित्तीय समर्थन और क्षेत्रीय सहयोग का संकेत है, जबकि सऊदी अरब के लिए यह एक रणनीतिक सुरक्षा कवच बन सकता है. इससे पश्चिम एशिया में शक्ति संतुलन बदल सकता है, और भारत को अपनी रणनीतिक नीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है.