- कई बार अपनी खिल्ली उड़वा चुके पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अब भारत की एकता को लेकर बयान दिया है.
- उन्होंने बेबुनियाद दावा करते हुए कहा है कि मुगल शासक औरंगजेब के शासन के अलावा भारत कभी एकजुट नहीं रहा.
- आसिफ ने आगे कहा कि युद्ध का जोखिम वास्तविक है... अगर युद्ध की नौबत आई तो हम पहले से बेहतर नतीजे हासिल करेंगे.
पाकिस्तान की फितरत ही कुछ ऐसी है कि बार-बार मुंह की खाने के बाद भी वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आता. ताजा उदाहरण पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का है, जो पहले भी कई बार अपने बयानों से देश की खिल्ली उड़वा चुके हैं. अब उन्होंने भारत की एकता को लेकर बयान दिया है. उन्होंने बेबुनियाद दावा करते हुए कहा कि मुगल शासक औरंगजेब के शासन के अलावा भारत कभी एकजुट नहीं रहा.
ये किसी से छिपा नहीं है कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने किस तरह पाकिस्तान को धूल चटाई थी. लेकिन इसे लेकर भी पाकिस्तानी नेता डींगें हांकने से बाज नहीं आए. ख्वाजा आसिफ ने एक टीवी इंटरव्यू में भारत से जंग की संभावना को लेकर भी बयान दिया. ख्वाजा आसिफ ने आगे कहा कि मैं तनाव नहीं बढ़ाना चाहता, लेकिन युद्ध का जोखिम वास्तविक है और मैं इससे इनकार नहीं कर रहा हूं. अगर युद्ध की नौबत आई तो इंशाअल्लाह हम पहले से बेहतर नतीजे हासिल करेंगे.
भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कुछ दिन पहले कहा था कि भारत अपने नागरिकों की रक्षा और देश की अखंडता को कायम रखने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है. भारतीय सेना प्रमुख ने तो साफ चेतावनी दे दी थी कि अगर पड़ोसी देश खुद को दुनिया के नक्शे पर देखना चाहता है तो आतंकवाद को पनाह देना बंद कर देना चाहिए.
अब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने समा टीवी को एक इंटरव्यू में कहा कि तारीखों में जाए है कि भारत कभी भी एक रियासत नहीं रहा. बस औरंगजेब के समय में 18वीं सदी के शुरू का थोड़ा समय छोड़ दें तो हिंदुस्तान कभी एक मुल्क नहीं रहा. एक दौर था, जब भारतीय उपमहाद्वीप में 540 रियासतें थीं. लेकिन पाकिस्तान अल्लाह के नाम के ऊपर बना है, एक नजरिये की बुनियाद पर खड़ा है. आप देखिए हमारे यहां कितने झगड़े चल रहे थे, लेकिन (भारत से लड़ाई के दौरान) सारी कौम 4-5 दिनों में एकजुट हो गई.
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री चाहे कुछ भी कहें, लेकिन इतिहास गवाह है कि अंग्रेजों से आजादी के सात दशकों बाद तक भारत एक स्थिर और एकजुट लोकतंत्र रहा है. जबकि पाकिस्तान इस दौरान कई बार अंदरूनी झगड़े और सैन्य तख्तापलट देख चुका है.
इससे पहले, 322 ईसा पूर्व से 185 ईसा पूर्व तक मौर्य काल में अधिकांश भारतीय उपमहाद्वीप एक राज्य के रूप में एकीकृत था. उस वक्त भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे बड़े साम्राज्यों में से एक था. बहुत बाद में गुप्त वंश के दौरान समुद्रगुप्त और पुष्यभूति वंश के हर्षवर्द्धन ने भी प्राचीन भारत के बड़े हिस्से को राजनीतिक रूप से एकजुट किया था.
पाकिस्तान मंत्री ने जिस औरंगजेब का जिक्र किया, उसके बारे में बताएं तो मुगल शासन में क्षेत्रीय विस्तार के लिहाज से औरंगजेब ने अपने साम्राज्य का विस्तार लगभग पूरे भारतीय उपमहाद्वीप तक किया जरूर था. हालांकि उसका पूरा शासनकाल अंतहीन युद्धों और विद्रोहों से भरा रहा. औरंगजेब के मुकाबले तो अकबर के शासन में ज्यादा एकजुट और स्थिर रहा था.