पाकिस्तान: नई सरकार के गठन में गतिरोध जारी, PML-N और PPP के बीच नहीं बनी सहमति

पीपीपी पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पीएमएल-एन को समर्थन देने के लिए कथित तौर पर राष्ट्रपति, सीनेट अध्यक्ष और नेशनल असेंबली अध्यक्ष जैसे प्रमुख संवैधानिक पदों की मांग कर रही है. 

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PML-N को समर्थन देने के लिए PPP कथित तौर पर संवैधानिक पदों की मांग कर रही है. (फाइल)
इस्लामाबाद:

पाकिस्तान (Pakistan) में नई गठबंधन सरकार के गठन में मंगलवार को कोई प्रगति नहीं हुई क्योंकि पीएमएल-एन और पीपीपी के शीर्ष नेताओं के बीच नवीनतम दौर की बातचीत में सत्ता-साझा करने के मुद्दे पर सहमति नहीं बन पायी. यहां पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के वरिष्ठ नेता सीनेटर इशाक डार के आवास पर सोमवार को आयोजित पांचवें दौर की बैठक में दोनों दलों के प्रमुख नेताओं की भागीदारी देखी गई, जिन्होंने नकदी संकट से जूझ रहे देश के हित में एकसाथ काम करने का संकल्प जताया है.

‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून' अखबार ने मंगलवार को बताया कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ नेता मुराद अली शाह, कमर जमां कैरा, नदीम अफजल चान और अन्य शामिल थे. 

सोमवार को तीन घंटे के विचार-विमर्श के बाद, बातचीत में रुकावट आ गई. पीएमएल-एन और पीपीपी दोनों सोमवार रात 10 बजे फिर से मिलने पर सहमत हुए. हालांकि, बैठक नहीं हुई. 

आखिरकार, रात 11 बजे पीएमएल-एन ने अपनी बैठक समाप्त की और घोषणा की कि पीपीपी के साथ चर्चा बुधवार को फिर से शुरू होगी.

पहले दौर की बैठक के बाद पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में पीएमएल-एन नेता आजम नजीर तरार ने चल रही चर्चा में सकारात्मक रुख होना बताया.

‘जियो न्यूज' ने तरार के हवाले से कहा, 'पीपीपी को कैबिनेट में शामिल करने के मामले पर कुछ चीजें पहले ही तय हो चुकी हैं.'

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PPP की प्रमुख संवैधानिक पदों की मांग 

पीपीपी पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पीएमएल-एन को समर्थन देने के लिए कथित तौर पर राष्ट्रपति, सीनेट अध्यक्ष और नेशनल असेंबली अध्यक्ष जैसे प्रमुख संवैधानिक पदों की मांग कर रही है. 

सूत्रों ने कहा कि पीपीपी अध्यक्ष बिलावल जरदारी-भुट्टो पीएमएल-एन को एक ऐसे बिंदु पर लाने की कोशिश कर रहे हैं, जहां वह (पीएमएल-एन) गठबंधन सरकार बनाने से पीछे हट जाए ताकि वह फिर खुद को प्रधानमंत्री के रूप में पेश करके जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के निर्दलीय सांसदों के समर्थन से सरकार बना लें, जो अब सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल में शामिल हो गए हैं.

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हालांकि पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री 35 वर्षीय बिलावल के लिए यह आसान नहीं होगा क्योंकि पीटीआई पहले ही पीपीपी को समर्थन देने की संभावना को खारिज कर चुकी है.

'कोई अपना रुख बदलने के लिए तैयार नहीं तो...' 

इस बीच पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने कहा कि यदि कोई अपना रुख बदलने के लिए तैयार नहीं है तो उन्हें पाकिस्तान में गठबंधन सरकार बनने में गतिरोध की आशंका है, जो देश के राजनीतिक परिदृश्य में गहराती दरार का संकेत देता है.

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बिलावल ने उच्चतम न्यायालय में पत्रकारों से कहा कि पीपीपी और वह अपने रुख पर अड़े हुए हैं और इस बात पर जोर दिया वह इसे किसी भी कीमत पर नहीं बदलेंगे.

उन्होंने कहा, “अगर कोई और अपना रुख बदलना चाहता है, तो प्रगति हो सकती है. यदि वे इसे बदलने के लिए तैयार नहीं हैं, तो मुझे गतिरोध की आशंका है.'' उन्होंने कहा कि इससे लोकतंत्र या संसदीय प्रणाली को कोई लाभ नहीं होगा.

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पूर्व विदेश मंत्री बिलावल (35) ने कहा, 'अगर मैं पीएमएल-एन को एक वोट दूंगा तो मैं वह अपनी शर्तों पर दूंगा.''

उन्होंने कहा, 'सरकार बनाने में देरी गंभीरता की कमी के कारण हुई है,' उन्होंने कहा कि यह स्थिति पाकिस्तान के लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा रही है.

उन्होंने कहा, 'जितनी जल्दी इसका समाधान हो जाए, यह स्थिरता और आने वाली सरकार के लिए बेहतर होगा.'

मतदान के 11 दिन बाद भी स्‍पष्‍ट नहीं है स्थिति 

आम चुनाव व्यापक धांधली के कई गंभीर आरोपों के साथ विवादास्पद रहे हैं. मतदान के 11 दिन बाद भी यह स्पष्ट नहीं है कि केंद्र में कौन सी पार्टी सरकार बनाएगी.

हालांकि जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) द्वारा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने संसद में अधिकतम सीटें जीतीं, पीएमएल-एन और पीपीपी ने घोषणा की है कि चुनाव परिणाम आने के बाद वे गठबंधन सरकार बनाएंगे.

हालांकि, कई दौर की बातचीत के बावजूद, पीपीपी को मंत्रिमंडल में शामिल करने के संबंध में निर्णय नहीं लिया जा सका है.

सूत्रों के मुताबिक, खंडित जनादेश के बाद एकता सरकार का समर्थन करने वाली सेना को अपने कदम पीछे खींचने होंगे और पीपीपी को कैबिनेट में हिस्सेदारी के साथ गठबंधन सरकार में शामिल होना होगा. अन्यथा गठबंधन सरकार बनाने की प्रक्रिया कठिन होगी.

संसद के पहले सत्र के लिए बैठक 29 फरवरी तक होनी चाहिए और उम्मीद है कि दोनों प्रमुख दल - पीएमएल-एन और पीपीपी - उस समय तक सत्ता-साझा करने की व्यवस्था पर सहमत हो जाएंगे.

इस बीच, मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (पाकिस्तान) ने सोमवार को पीएमएल-एन को अपना समर्थन देने का वादा किया.

सरकार बनाने के लिए, किसी भी पार्टी को 266 सदस्यीय नेशनल असेंबली में लड़ी गई 265 सीटों में से 133 सीटें जीतनी होंगी.

निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनाव में 93 नेशनल असेंबली सीटें जीतीं हैं. इन निर्दलीयों में से अधिकतर पीटीआई समर्थित हैं.

PML-N को 75 और PPP को मिली हैं 54 सीटें 

पीएमएल-एन ने 75 सीटें जीतीं जबकि पीपीपी 54 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रही. मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) भी अपनी 17 सीटों के साथ उनका समर्थन करने पर सहमत हो गया है.

पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में सिंध के गवर्नर और एमक्यूएम-पी नेता कामरान टेसोरी ने कहा, 'हम सरकार गठन के चुनौतीपूर्ण कार्य में एकजुट हैं. एमक्यूएम-पी ने (पीएमएल-एन को) पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया है.'

जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने ‘‘देश के शक्तिशाली प्रतिष्ठान और अपने अपने राजनीतिक विरोधियों की आलोचना की. उन्होंने मांग की कि उनकी पार्टी से 'चुराया गया' जनादेश वापस किया जाना चाहिए.

अलीमा ने रावलपिंडी में अदियाला जेल में अपने भाई इमरान खान से मुलाकात के बाद के जेल के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए इमरान का संदेश दिया और कहा कि इमरान ने चुनाव पूर्व और चुनाव के बाद धांधली को तत्काल रोकने का आह्वान किया है और वह चाहते हैं कि 'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की प्रतिष्ठा बचाने' के लिए लोगों का जनादेश का सम्मान होना चाहिए.

क्रिकेटर से नेता बने 71 वर्षीय और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद पिछले साल से अदियाला जेल में बंद हैं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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