पाकिस्‍तान ने राजनीतिक ब्‍लॉगर की हत्‍या के लिए हिटमैन के जरिये रची थी साजिश?

अहमद वकास गोराया ने बताया कि मुझे उम्मीद है कि इन लोगों को भेजने वाले असली लोगों पर भी मुकदमा चलाया जाएगा. अपने गुप्त स्थान के बारे में साजिशकर्ताओं को पता होने की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि यह पाकिस्तान है.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
गोराया एक दशक से अधिक समय से पाकिस्तान से बाहर रह रहे हैं. (फाइल फोटो)
लंदन :

एक निर्वासित राजनीतिक ब्लॉगर (Political Blogger) ने शुक्रवार को एक ब्रिटिश अदालत में एक संभावित हिटमैन (वह व्‍यक्ति जिसे किसी को मारने के लिए पैसा दिया जाता है) को दोषी ठहराए जाने के बाद पाकिस्तान (Pakistan) पर उसकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है. सुपरमार्केट में काम करने वाले 31 साल के कर्मचारी मोहम्मद गोहिर खान को अहमद वकास गोराया को मारने की साजिश रचने का दोषी पाया गया था. उसे पाकिस्‍तान स्थित एक शख्‍स ने इस काम के लिए शामिल किया था. 

पूर्वी लंदन के खान पर पिछले साल जून में नीदरलैंड में गोरया की हत्या के लिए अज्ञात लोगों के साथ साजिश रचने का आरोप लगाया गया था. उसे ट्रेन से ब्रिटेन लौटने के बाद गिरफ्तार किया गया था. 

गोराया एक मुखर ब्लॉगर और उदारवादी कार्यकर्ता हैं, जो कि एक दशक से अधिक समय से पाकिस्तान से बाहर रह रहे हैं. गोराया सुनवाई में शामिल नहीं हुए. सर्वसम्मत जूरी के फैसले के बाद, उन्होंने कहा कि वह "खुश हैं कि कम से कम एक नई मिसाल है."

‘पबजी' के प्रभाव में आकर नाबालिग लड़के ने मां और तीन भाई-बहनों की हत्या की

साथ ही उन्होंने कहा कि वह निराश हैं, जांच में उन लोगों की पहचान नहीं की गई, जिन्‍होंने अपराध किया था. उन्होंने एएफपी को बताया, "मुझे उम्मीद है कि इन लोगों को भेजने वाले असली लोगों पर भी एक दिन मुकदमा चलाया जाएगा." इसमें शामिल धन राशि और अपने गुप्त स्थान के बारे में साजिशकर्ताओं को पता होने की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, "मुझे यकीन है कि यह पाकिस्तान है."

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) ने कहा कि फैसला "एक ऐतिहासिक निर्णय के रूप में काम कर सकता है" और "पत्रकारों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराधों के लिए आपराधिक जवाबदेही स्थापित करने की दिशा में एक दुर्लभ कदम" था. 

पाकिस्तान में आतंकी हमले में 10 सैनिकों की मौत, जांच चौकी पर हुआ हमला

ब्रिटेन की पुलिस ने शुक्रवार को खान से संपर्क करने वाले शख्‍स की जानकारी के लिए जनता से अपील की है. अभियोजक एलिसन मॉर्गन ने कहा कि नीदरलैंड में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहने वाले गोराया को सोशल मीडिया पर व्यंग्यपूर्ण पोस्ट में पाकिस्तानी सरकार और सेना के खिलाफ बोलने के लिए निशाना बनाया गया था. उसने जूरी को बताया कि खान को "पाकिस्तान में रहने वाले अन्य लोगों" द्वारा काम पर रखा गया था. 

Advertisement

गोराया ने 2018 में अदालत को बताया था कि उसे एफबीआई से जानकारी मिली थी कि वह "हत्या सूची" में था और उसका मानना ​​​​था कि उसे मिली कुछ धमकियों का नेतृत्व पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा किया जा रहा था. इस मामले में पाकिस्तानी सेना ने किसी भी संलिप्तता से इनकार किया है. 

चुनाव में पाकिस्तान की एंट्री पर बोला युवक “क्या खून निकालकर दिखाऊं कि देशभक्त हूं“

Advertisement
Featured Video Of The Day
Sambhal के बाद Bulandshahr के Muslim इलाके में मिला 32 साल पुराना Mandir, जानें क्यों हुआ था बंद?
Topics mentioned in this article