बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) से इतर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ बैठक की. मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम के अनुसार बुधवार, 24 सितंबर को हुई बैठक में पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच व्यापार और आर्थिक संबंधों पर चर्चा हुई.
यूनुस और शरीफ के बीच यह दूसरी मुलाकात थी. इससे पहले दोनों की मुलाकात पिछले साल हुई थी. बांग्लादेश में युद्ध अपराधों के मुकदमों और व्यापक क्षेत्रीय राजनीति जैसे मुद्दों के कारण पूर्व अवामी लीग सरकार के दौरान ढाका और इस्लामाबाद के बीच संबंध ठीक नहीं रहे. लेकिन अब कहानी बदल गई है. यूनुस और शरीफ के बीच हो रही मुलाकातें बांग्लादेश में शेख हसीना के नेतृत्व वाली लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को सत्ता से हटाने के बाद से दोनों देशों के बीच बढ़ती नजदीकियों से जोड़कर देखी जा रही हैं.
बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट बीएसएस के मुताबिक शफीकुल आलम ने न्यूयॉर्क में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा, "हर बैठक बहुत महत्वपूर्ण थी और हम कहेंगे कि इन बैठकों के माध्यम से इन देशों के साथ हमारे संबंधों को एक नई ऊंचाई मिली है. फिनलैंड और इटली ने बांग्लादेश में लोकतांत्रिक परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए आगामी चुनावों के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया है.
ध्यान देने वाली बात यह है कि बांग्लादेश अगले साल होने वाले चुनाव से पहले बढ़ती अनिश्चितता और राजनीतिक उथल-पुथल का सामना कर रहा है. जिन दलों ने पिछले साल अवामी लीग सरकार को उखाड़ फेंकने में मुहम्मद यूनुस का सहयोग किया था, वे अब आपस में भिड़ गए हैं.
पास आ रहे बांग्लादेश और पाकिस्तान
बांग्लादेश और पाकिस्तान संबंधों के बीच हमेशा से 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान हुए नरसंहार में पाकिस्तान की भूमिका, फंसे हुए संसाधनों की वापसी और मुआवजा जैसे मुद्दे आड़े आते रहे हैं. हालांकि, अगस्त 2024 में बांग्लादेश में यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के गठन के बाद से हालात काफी बदल गए हैं.
पिछले महीने, पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने ढाका की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा की थी, जो 13 वर्षों में किसी भी पाकिस्तानी अधिकारी की बांग्लादेश की पहली राजकीय यात्रा थी. इस बैठक के दौरान, डार ने दावा किया था कि 1971 के नरसंहार के लंबे समय से चले आ रहे मुद्दे को पहले दो बार सुलझाया जा चुका है, लेकिन ढाका ने इस दावे का तुरंत खंडन कर दिया था.
1971 के मुक्ति संग्राम के बाद से ऐतिहासिक रूप से अलग-थलग पड़े दोनों देश अब सुलह के संकेत दे रहे हैं. इससे पहले बांग्लादेश, मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना पर लाखों लोगों की हत्या और बांग्लादेशी महिलाओं के साथ दुष्कर्म का आरोप लगाता रहा है.
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