पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) ने शुक्रवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के दावों के विपरीत उनकी सरकार को गिराने के पीछे कोई विदेशी साजिश नहीं थी. इसके साथ ही देश की शीर्ष सुरक्षा एजेंसी ने पूर्व प्रधानमंत्री द्वारा बार-बार किए गए दावे को खारिज कर दिया है कि अमेरिका ने विपक्षी दलों की मदद से पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की सरकार गिराई है.
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद एनएससी ने एक बयान जारी कर कहा कि उसने वाशिंगटन स्थित पाकिस्तानी दूतावास से पिछले महीने प्राप्त टेलीग्राम पर चर्चा की. गौरतलब है कि इमरान खान ने इसी टेलीग्राम को आधार बनाकर आरोप लगाया है कि स्वतंत्र विदेश नीति अपनाने के कारण अमेरिका ने षड्यंत्र करके उनकी सरकार गिराई है.
बयान के अनुसार, अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत और टेलीग्राम भेजने वाले राजनयिक असम माजिद खान ने टेलीग्राम में क्या लिखा है और किस संदर्भ में लिखा है इसपर समिति को जानकारी दी.
उसमें कहा गया है, ‘‘देश की प्रमुख जांच एजेंसियों ने एक बार फिर एनएससी को सूचित किया कि उन्हें षड्यंत्र का कोई साक्ष्य नहीं मिला है. इसलिए एनएससी ने संवाद की सामग्री की समीक्षा करने के बाद, सबकी समीक्षा प्राप्त करने और सुरक्षा एजेंसियों का निष्कर्ष सुनने के बाद वह इस नतीजे पर पहुंची है कि इसमें कोई विदेशी साजिश नहीं है.''
यह कथित टेलीग्राम पहली बार उस वक्त सार्वजनिक हुआ जब 27 मार्च को इस्लामाबाद में रैली के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री ने अपनी सदरी के भीतर वाली जेब से एक दस्तावेज निकाला और लोगों को दिखाते हुए कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय साजिश का शिकार हो रहे हैं.
इमरान यह दावा करते आ रहे हैं कि विपक्ष द्वारा नेशनल असेंबली में उनके खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव एक ‘विदेशी साजिश' का नतीजा था. पूर्व प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया है कि उनकी स्वतंत्र विदेश नीति के चलते उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए विदेश से धन भेजा जा रहा था.
बाद में इमरान खान ने आरोप लगाया कि यूक्रेन के मामले पर साथ नहीं देने पर मध्य और दक्षिण एशिया में अमेरिका के सहायक मंत्री डोनाल्ड लू ने वाशिंगटन में पाकिस्तान के राजदूत के साथ बैठक में खान को अपदस्थ करने की धमकी दी थी. अमेरिका ने इस आरोप को बार-बार खारिज किया है.
इमरान खान ने शहबाज शरीफ नीत सरकार को ‘आयातित' बताते हुए उसके खिलाफ अंत तक लड़ने की बात कही.
हालांकि, विदेशी साजिश के दावे को खारिज करने वाले एनएससी के आम सहमति वाले फैसले से इमरान खान के नईआ सरकार का कमजोर करने के लिए अपने समर्थकों का साथ पाने के प्रयास को झटका लग सकता है.
इस महीने की शुरुआत में सेना ने पीटीआई नीत सरकार को गिराने के लिए अमेरिका द्वारा साजिश किए जाने के खाने के दावे को गलत बताते हुए कहा था कि देश के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप का कोई सबूत नहीं है.
एनएससी की बैठक में ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन जनरल नदीम राजा, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल कमर जावेद बाजवा, चीफ ऑफ नेवल स्टाफ एडमिरल मोहम्मद अमजद खान नियाजी, चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर, खुफिया विभाग के प्रमुख, असैन्य और सैन्य प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
बैठक में संघ सरकार में मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ, राणा सनाउल्ला, मरियम औरंगजेब, अहसान इकबाल और राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार भी शामिल थीं.