'हाफिज हमारा हीरो’ ... जब मुशर्रफ ने खोलकर रख दी थी पाकिस्तान की पूरी आतंक कुंडली

कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तान का नकाब उतारकर रख दिया है. पूरी दुनिया उसके दामन पर खून के धब्बे देख रही है. सुनिए उसका अपना कबूलनामा

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पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की फाइल फोटो

कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तान का नकाब उतारकर रख दिया है. पूरी दुनिया उसके दामन पर खून के धब्बे देख रही है. जहां भारत इंसाफ के लिए उन आतंकियों को कहीं से भी खोज निकालने के लिए फुल एक्शन मोड में है, वहीं पाकिस्तान डरा-सहमा दुनिया में यह कहते घूम रहा है कि इस आतंकी हमले के पीछे उसका हाथ नहीं है. लेकिन दूसरी ओर खुद पाकिस्तान की ओर से ऐसे कबूलनामें भी हमारे सामने आ रहे हैं जो बताते हैं कि वह कश्मीर में आतंकवाद फैलाने के लिए कैसे पूरी तरह जिम्मेदार है, वह कैसे आतंकियों को ट्रेनिंग देता है, उन्हें पनाह देता है. सबसे लेटेस्ट कबूलनामा पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का आया है. उन्होंने एक इंटरव्यू में साफ कहा कि पाकिस्तान पिछले 30 साल से आतंकवादियों का समर्थन कर रहा है और उन्हें ट्रेनिंग दे रहा है. उन्होंने कहा कि वे अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए यह ‘गंदा काम' कर रहे हैं. इससे पहले पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ (2023 में निधन) ने भी एक इंटरव्यू में कबूल किया था कि पाकिस्तान कश्मीर के आतंकियों को ट्रेनिंग देता था. मुशर्रफ ने जिहादी आतंकियों को पाकिस्तान का 'हीरो' भी बताया. कहा कि आतंकवादी ओसामा बिन लादेन, अयमान अल-जवाहिरी, जलालुद्दीन हक्कानी और अन्य "पाकिस्तान के हीरो" थे.

पाकिस्तान की पोल-खोल, खुद परवेज मुशर्रफ की जुबानी

ट्विटर पर वायरल हो रही एक पुरानी इंटरव्यू क्लिप में परवेज मुशर्रफ को यह सब कहते हुए सुना जा सकता है. मुशर्रफ ने यह इंटरव्यू 2015 में पाकिस्तान के दुनिया न्यूज को दिया था. इसमें वो कह रहे हैं, “1976 से बहुत कुछ बदला है. सोवियत रूस से लड़ने के लिए हम पाकिस्तान के हक में धार्मिक उग्रवाद (रिलीजियस मिलिटेंसी) लेकर आए. हम पूरी दुनिया से मुजाहिद्दीन लेकर आए. हमने तालिबान को ट्रेनिंग दी, उन्हें हथियार दिए, वो हमारे हीरो थे. हक्कानी हमारा हीरो है. ओसामा बिन लादेन हमारा हीरो है. अयमान अल-जवाहिरी हमारा हीरो है. तब माहौल अलग था, अब माहौल बदल चुका है. अब वो हीरो विलेन बन गया.” 

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“आप हाफिज सईद की बात कर रहे हैं. 1990 में कश्मीर में आजादी का संघर्ष शुरू हुआ. भारतीय सेना ने उन्हें बुरी तरह मारा तो वो भागकर पाकिस्तान आ गए. पाकिस्तान में उनका हीरो जैसे स्वागत किया गया. उन्हें यहां ट्रेनिंग भी दी जाती थी और हम उनके सपोर्ट में भी थे. हमारे लिए वो मुजाहिद्दीन थे जो भारतीय सेना से लड़ते. यहां फिर लश्कर एक तैयबा बना. 10-12 संगठन और बने. वो हमारे हीरो थे जी. वो कश्मीर में जाकर अपनी जान जोखिम में डालकर लड़ रहे थे. अब रिलीजियस मिलिटेंसी आतंकवाद में बदल गया है. अब दुनिया भी बदल गई है.”- परवेज मुशर्रफ

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जनरल मुशर्रफ का यह कबूलनामा इस बात का प्रमाण था कि कश्मीर में किसी हस्तक्षेप से इन्कार करने वाला कि पाकिस्तान अपने यहां आतंकवादियों को शुरू से ट्रेनिंग देता रहा है और क्षेत्र में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए उन्हें सुरक्षित पनाहगाह देता रहा है.

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