म्यांमार से फिर कैसी दशहत, जान बचाकर आए 4000 लोगों ने ली मिजोरम में शरण

म्यांमार के ख्वामावी में लोकतंत्र समर्थक दो समूहों चिन नेशनल डिफेंस फोर्स (सीएनडीएफ) और चिनलैंड डिफेंस फोर्स (सीडीएफ)-हुआलंगोरम के बीच गोलीबारी हुई, जिसके कारण स्थानीय लोगों को मिजोरम के चंफाई के जोखावथर गांव में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • भारत के पड़ोसी मुल्क म्यांमार में दो जातीय समूहों के बीच हुई हिंसा के बाद 4,000 म्यांमार के नागरिकों ने मिजोरम में शरण ली है.
  • म्यांमार के जिन शरणार्थियों ने भारत में आकर शरण ली है, उनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, जिन्होंने मिजोरम के दो स्थानों पर शरण ली है.
  • चंफाई जिले के अधिकारियों ने बताया कि शरणार्थी 3 जुलाई से भारत में प्रवेश कर रहे हैं. हिंसा के बाद दहशत में म्यांमार छोड़कर लोग भारत में शरण ले रहे हैं
  • असम राइफल्स भारत-म्यांमार सीमा की सुरक्षा कर रही है और हाल ही में इसने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
आइजोल:

म्यांमार में दो विरोधी गुटों के बीच भीषण गोलीबारी के बाद भारत के मिजोरम के चंफाई जिले में शनिवार को बड़ी संख्या में शरणार्थी पहुंचे. म्यांमार में हाल के दिनों में दो जातीय समूहों के बीच हिंसा भड़की हुई, ऐसे में दहशत में 4,000 से अधिक म्यांमार नागरिक भारत में आ गए. जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ये शरणार्थी मिजोरम के जिले के 2 स्थानों पर शरण लिए हुए हैं.

क्यों भारत में शरण ले रहे हैं म्यांमार के लोग

चंफई जिले के अधिकारियों ने बताया कि 3 जुलाई से शरणार्थी पूर्वी मिजोरम के जोखावथर क्षेत्र के रास्ते राज्य में प्रवेश करने लगे. यह हिंसा म्यांमार में चिन नेशनल डिफेंस फोर्स (CNDF) और चिनलैंड डिफेंस फोर्स (CDF), दोनों सैन्य-विरोधी जातीय समूहों, के बीच 28 जून से 5 जुलाई तक क्षेत्रीय वर्चस्व को लेकर हुई गोलीबारी के कारण शुरू हुई. असम राइफल्स भारत-म्यांमार सीमा की सुरक्षा कर रही है और हाल ही में इसने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया है.

अबतक 32000 लोगों को दी जा चुकी शरण

सूत्रों के अनुसार, 2021 में म्यांमार में तख्तापलट और उसके बाद सैन्य जंता व जंता-विरोधी बलों के बीच संघर्ष के बाद से अब तक मिजोरम में 32,000 म्यांमार नागरिकों को शरण दी जा चुकी है. मिजोरम की म्यांमार के साथ 510 किलोमीटर लंबी खुली सीमा है, जहां कोई फेंसिंग नहीं है.

म्यांमार और भारत को अलग करती है नदी

म्यांमार के ख्वामावी और भारत के जोखावथर को तियाउ नदी विभाजित करती है. अधिकारियों ने बताया कि गोलीबारी से भागने वाले लोगों की संख्या का अभी पता नहीं चल पाया है. सीएनडीएफ और सीडीएफ गुट म्यामांर के चिन राज्य में सक्रिय हैं और दोनों संगठनों के लड़ाके ज़ो जनजातीय समुदाय से संबंध रखते हैं. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से दोनों संगठन क्षेत्र पर नियंत्रण को लेकर एक दूसरे से भिड़े हुए हैं.

Featured Video Of The Day
Lok Sabha में Amit Shah ने पेश किया 130वां संविधान संशोधन बिल, विपक्ष ने पर मचाया जोरदार हंगामा
Topics mentioned in this article