चिप्स चुराने के मामले में आठ साल के अश्वेत बच्चे की पुलिस अफसर के द्वारा तलाशी लेने के मामले ने अमेरिका में तूल पकड़ लिया है. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद न्यूयॉर्क पुलिन ने कहा है कि वो इसकी जांच कर रही है. इस वीडियो में दिखता है कि एक श्वेत पुलिस अफसर एक अश्वेत बच्चे को चिप्स का पैकेट चुराने के लिए पकड़ रहा है. यह क्लिप ट्विटर पर पांच मिलियन से अधिक बार देखी गई है.
जब सायराकस पुलिस डिपार्टमेंट से एक श्वेत अफसर उस बच्चे को हाथ बांध कर निगरानी करने वाली कार में ले जा रहा होता है तो वो बच्चा रोता है. दो और पुलिस वाले उसे देखते दिखाई देते हैं. इस घटना की वीडियो बना रहे व्यक्ति ने पूछा? आप सब क्या कर रहे हैं. बच्चे को पकड़े हुए पुलिसवाला कहता है, अनुमान लगाओ मैं क्या कर रहा हूं! एक दूसरा अफसर कहता है कि बच्चे ने सामान चुराया है. इससे पहले कि वीडियो बना रहा व्यक्ति पुलिस पर बच्चे के साथ "निष्ठुर अपराधी" की तरह व्यहवार करने और खाने के सामान के लिए पैसे देने का ऑफर देता है. स्थानीय मीडिया ने रिपोर्ट किया कि जिस बच्चे को हिरासत में लिया गया था उसे बाद में बिना किसी आरोप के छोड़ दिया गया, वो केवल आठ साल का था.
न्यूयॉर्क स्टेट की गवर्नर कैथी होचुल ने इस वीडियो को "हृदय-विदारक" बताया है.
उन्होंने रिपोटर्स से कहा, "हममें से कई मां-बाप हैं. और आप उस बच्चे के डर की केवल कल्पना कर सकते हैं जो उसे इस अनुभव से मिला." कई सोशल मीडिया यूजर्स ने अफसर पर नस्लवाद का आरोप लगाया है.
अमेरिकी कानून व्यवस्था के महकमे में नस्लवाद एक ज्वलंत मुद्दा है, इसमें अश्वेत बच्चों को श्वेत बच्चों की तुलना में पुलिस हिंसा का अधिक खतरा रहता है. 2020 में अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या की फुटेज भी वायरल हुई थी. इसके बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे और कानून में बदलाव की मांग उठी थी.
स्थानीय मीडिया ने रिपोर्ट किया कि न्यूयॉर्क में अश्वेत और भूरे समुदाय इस वीडियो को देखकर उतने सकते में नहीं आएंगे क्योंकि उन्हें अपने जीवन में पुलिस एजेंसियों और दूसरों से अलग तरह के व्यहवार की आदत है."
वहीं सायराकस पुलिस डिपार्टमेंट की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि "उसे पैट्रोल यूनिट में पीछे बिठाया गया था और वहां से सीधे उसके घर ले जाया गया था. अधिकारी ने बच्चे के पिता से मुलाकात की और बच्चे पर कोई चार्ज नहीं लगाया गया."