श्रीलंका ही नहीं दुनिया के कई देश आर्थिक संकट के चलते डेंजर जोन में

संकट के इस दौर में दिग्गजों को उम्मीद है कि कई देश अभी भी डिफॉल्ट होने से बच सकते हैं. खासकर यदि वैश्विक बाजार शांत और आईएमएफ का साथ हो. हालांकि ये जोखिम वाले देश हैं. 

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प्रतीकात्मक
नई दिल्ली:

श्रीलंका (Sri Lanka) में आर्थिक संकट (Economic Crisis) गहराने के बाद देश की हालत बद से बदतर हो गई है. हालांकि श्रीलंका के साथ कई अन्य विकासशील देश ऐसे हैं जो कि आर्थिक संकट की ओर इशारा कर रहे हैं. इनमें श्रीलंका के साथ ही लेबनान, रूस, सूरीनाम और जाम्बिया पहले से ही डिफॉल्टर हो चुके हैं, वहीं बेलारूस डिफॉल्टर होने के कगार पर पहुंच गया है. साथ ही करीब एक दर्जन क्षेत्र ऐसे हैं, जो उधार की बढ़ती लागत, महंगाई और ऋण के कारण आर्थिक पतन की आशंकाओं को हवा दे रहे हैं. 

जानकारी के मुताबिक, संकट के इस दौर में दिग्गजों को उम्मीद है कि कई देश अभी भी डिफॉल्ट होने से बच सकते हैं. खासकर यदि वैश्विक बाजार शांत और आईएमएफ का साथ हो. हालांकि ये जोखिम वाले देश हैं. 

अर्जेंटीना 
अर्जेंटीना की मुद्रो पेसो बाजार में 50 फीसदी के डिस्काउंट पर ब्लैक मार्केट में ट्रेड कर रही है. रिजर्व गंभीर रूप से कम हैं और डॉलर में केवल 20 सेंट पर बॉन्ड का व्यापार हो रहा है. सरकार के पास 2024 तक सेवा करने के लिए पर्याप्त ऋण नहीं है.   

यूक्रेन
मॉर्गन स्टेनली और अमुंडी जैसे बड़े निवेशकों ने चेतावनी दी है कि रूस के आक्रमण का मतलब है कि यूक्रेन को निश्चित रूप से अपने करीब 20 अरब से अधिक के ऋण को नए रूप में पेश करना होगा. यह संकट ऐसे वक्त में आया जब सितंबर में 1.2 अरब डॉलर का बॉन्ड भुगतान देय है. 

ट्यूनीशिया
अफ्रीका में आईएमएफ में जाने वाले देशों का एक समूह है, लेकिन इसमें ट्यूनीशिया सबसे अधिक जोखिम में है. यहां करीब 10 फीसदी बजट घाटा दुनिया में सबसे अधिक सार्वजनिक क्षेत्र के वेतन बिलों में से एक है और ऐसी चिंताएं हैं कि राष्ट्रपति कैस सैयद के सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत करने के दबाव के कारण आईएमएफ कार्यक्रम कठिन हो सकता है. 

घाना
अत्यधिक उधार ने घाना के ऋण और जीडीपी का अनुपात करीब 85 फीसदी तक पहुंच गया है. इसकी मुद्रा ने इस वर्ष अपने मूल्य का लगभग एक चौथाई हिस्सा खो दिया है और यह पहले से ही कर राजस्व का आधे से अधिक ऋण ब्याज भुगतान पर खर्च कर रहा था. महंगाई भी 30 फीसदी के करीब पहुंच रही है. 

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मिस्र
मिस्र में ऋण और सकल घरेलू उत्पाद अनुपात लगभग 95 प्रतिशत है और उसने इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय नकदी का सबसे बड़ा पलायन देखा है, जेपी मॉर्गन के अनुसार, यह लगभग 11 अरब डॉलर है. 

केन्या
केन्या अपने राजस्व का करीब 30 प्रतिशत ब्याज के भुगतान पर खर्च कर देता है. इसके बॉन्डों का करीब आधा मूल्य कम हो चुका है और वर्तमान में पूंजी बाजारों तक इसकी कोई पहुंच नहीं है. केन्या, मिस्र, ट्यूनीशिया और घाना पर मूडीज के डेविड रोगोविक ने कहा कि ये देश सबसे कमजोर हैं, क्योंकि इनके ऋण की राशि रिजर्व के बराबर आ गई है. 

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इथोपिया 
इथोपिया जी-20 कॉमन फ्रेमवर्क प्रोग्राम के तहत कर्ज राहत पाने वाले पहले देशों में से एक बनने की योजना बना रहा है. हालांकि उसकी प्रगति को गृहयुद्ध ने रोक दिया है.  

अल​ साल्वाडोर
अल सल्वाडोर ने बिटकॉइन को कानूनी मान्यता दी, लेकिन लेकिन आईएमएफ की उम्मीदों के दरवाजे बंद कर दिए. भरोसा इस हद तक गिर गया है कि छह महीने में परिपक्व होने वाला 80 करोड़ डॉलर का बॉन्ड 30 फीसदी की छूट और लंबी अवधि के लिए 70 फीसदी की छूट पर कारोबार कर रहा है. 

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पाकिस्तान
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 9.8 अरब डॉलर तक गिर गया है, जो आयात के पांच सप्ताह के लिए मुश्किल से ही पर्याप्त है. पाकिस्तानी रुपया कमजोर होकर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है. नई सरकार को अब तेजी से खर्च में कटौती करने की जरूरत है क्योंकि वह अपने राजस्व का 40 फीसदी ब्याज भुगतान पर खर्च करती है. हालांकि पाकिस्तान ने इस सप्ताह एक महत्वपूर्ण आईएमएफ सौदा किया है. 

बेलारूस
पश्चिमी प्रतिबंधों ने पिछले महीने रूस को डिफॉल्ट के रूप ला खड़ा किया है. वहीं बेलारूस को अब उसी संकट का सामना करना पड़ रहा है. बेलारूस भी यूक्रेन अभियान में मास्को के साथ खड़ा है.  

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इक्वाडोर
लैटिन अमेरिकी देश केवल दो साल पहले ही डिफॉल्टर हो गया था. इस पर बहुत अधिक कर्ज है और सरकार द्वारा ईंधन और खाद्य सब्सिडी देने के साथ जेपी मॉर्गन ने अपने सार्वजनिक क्षेत्र के राजकोषीय घाटे के अनुमान को इस साल सकल घरेलू उत्पाद का 2.4 प्रतिशत और अगले वर्ष 2.1 प्रतिशत कर दिया है.  

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