Kim Jong Un Enemy: कैसे बर्बाद हुआ किम जोंग का कट्टर दुश्मन? कौन है यून सूक येओल

North Korea Kim Jong Un Enemy: 2022 में, यून सूक येओल दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति बने, लेकिन 2024 में, उनके खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. उन्होंने विरोध को रोकने के लिए देश में मार्शल लॉ (सैन्य शासन) लागू कर दिया.

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North Korea Kim Jong Un Enemy: यून सूक येओल का जन्म दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में हुआ और वो किम के कट्टर विरोधी माने जाते हैं.

North Korea Kim Jong Un Enemy: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के दुश्मन दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सूक येओल को अदालत ने महाभियोग की मंजूरी दे दी है. इसका मतलब है कि यून का राजनीतिक करियर अब खत्म हो गया है. यून सूक येओल को किम जोंग उन का बड़ा विरोधी माना जाता है, लेकिन अदालत के इस फैसले के बाद उनकी स्थिति बहुत कमजोर हो गई है.

अदालत ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून को मार्शल लॉ लागू करने के लिए दोषी करार दिया है. अदालत ने माना है कि यून के खिलाफ जो महाभियोग (इंपिचमेंट) लाया गया था, वह सही है और उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना होगा. यून ने मार्च 2024 में देश में विरोध को दबाने के लिए पूरे दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ लागू किया था.

यून का अब क्या होगा?

स्थानीय मीडिया के अनुसार, पहले नया राष्ट्रपति चुना जाएगा और फिर यून के भविष्य के बारे में फैसला होगा. यून के खिलाफ पहले से ही देशविरोधी कानून के तहत मामला चल रहा है. फिलहाल उन्हें राहत मिली हुई है, लेकिन कहा जा रहा है कि जल्द ही उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है. यून ने किम जोंग उन के खिलाफ बहुत मुखर तरीके से काम किया और अमेरिका के साथ मिलकर किम के खिलाफ नई रणनीतियां बनाई, लेकिन अब यून अपने ही देश में राजनीतिक मैदान से बाहर होते जा रहे हैं.

कौन हैं यून सूक येओल ?

यून सूक येओल का जन्म दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में हुआ और उन्होंने वहीं पढ़ाई की. बाद में वे एक वकील बने और 2019 में देश के महाधिवक्ता (मुख्य अटॉर्नी जनरल) बन गए. उस समय उन्होंने उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के खिलाफ मजबूत रुख अपनाया, जिससे वे पूरे देश में प्रसिद्ध हो गए.  

2022 में, यून सूक येओल दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति बने, लेकिन 2024 में, उनके खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. उन्होंने विरोध को रोकने के लिए देश में मार्शल लॉ (सैन्य शासन) लागू कर दिया, लेकिन जनता के दबाव के आगे उन्हें झुकना पड़ा. अंत में, देश की जिम्मेदारी एक कार्यवाहक (अंतरिम) राष्ट्रपति को सौंप दी गई. अब कोर्ट के आदेश के बाद, दक्षिण कोरिया में नए राष्ट्रपति का चुनाव किया जाएगा.

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