ब्रिटेन में पीएम पद की दौड़ में ऋषि सुनक ने बनाई बड़ी बढ़त, पहले चरण में मिले सबसे ज्यादा वोट

ब्रिटेन (UK) में अगले प्रधानमंत्री (Next PM) पद की दौड़ में शामिल पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) और अटॉर्नी जनरल स्वेला ब्रेवरमैन (Suella Braverman) में काफी कुछ समानताएं हैं. दोनों की आयु 42 वर्ष है. दोनों ब्रिटेन में जन्मे भारतीय मूल के राजनेता हैं और दोनों ने ही साल 2016 में ब्रेक्जिट के लिए हुए जनमत संग्रह को लेकर अभियान में हिस्सा लिया था.

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UK में PM Boris Johnson के उत्तराधिकारी पद के लिए लड़ रहे प्रत्याशियों में ऐतिहासिक विविधता देखने को मिल रही है (File Photo)
लंदन:

ब्रिटेन (UK) में प्रधानमंत्री और कंजरवेटिव पार्टी के नेता बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) की जगह लेने की दौड़ में भारतीय मूल के नेता ऋषि सुनक सबसे आगे निकले हैं. कंजरवेटिव पार्टी में पहले चरण के मतदान के बाद पूर्व चांसलर ऋषि सुनक को सबसे ज्यादा वोट मिले हैं. रायटर्स के मुताबिक पेनी मोर्डौंट के 67 वोटों की तुलना में ऋषि सुनक को कुल 88 वोट मिले हैं. जबकि पहले चरण की वोटिंग में ट्रस लिज को महज 50 वोटों से संतोष करना पड़ा है. जबकि वित्त मंत्री नादिम ज़हावी और पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे जेरेमी हंट पहले ही रेस से बाहर हो चुके हैं. यूके के प्रधानमंत्री बनने की रेस में भारतीय मूल के एक और सांसद सुएला ब्रेवरमैन भी हैं. चुनाव को लेकर जारी तारीखों के अनुसार 5 सितंबर को यूके के नए प्रधानमंत्री के नाम की घोषणा होनी है. 

प्रधानमंत्री पद के लिए मंगलवार की शाम नामांकन प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है, लिहाजा उम्मीदवारों के नाम भी सामने आ गए हैं. उम्मीदवारों की सूची में विविधता की एक और मिसाल नाइजीरियाई मूल की पूर्व मंत्री केमी बेडेनोक का चुनाव लड़ना है, जो लंदन में पैदा हुई थीं. इसके अलावा इराक में जन्मे मौजूद वित्त मंत्री नदीम जहावी (55) भी इस दौड़ में शामिल हैं. वह 11 वर्ष की आयु में एक शरणार्थी के तौर पर ब्रिटेन आए थे. उनका परिवार सद्दाम हुसैन के शासनकाल में बगदाद से भाग गया था.

इस दौड़ में शामिल कन्जरवेटिव पार्टी के आठ उम्मीदवारों में व्यापार मंत्री पेनी मोरडॉन्ट और टॉम ट्यूगेंडहैट भी हैं. दोनों की आयु 49 वर्ष है और दोनों सैन्य पृष्ठभूमि से आते हैं. वहीं विदेश मंत्री लिज ट्रस (46) और पूर्व मंत्री जेरेमी हंट (55) भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

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सुनक ने पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री पद के लिए अपना दावा पेश करते हुए एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि किस तरह 1960 के दशक में अफ्रीका के ग्रामीण इलाके में रहने वाली भारतीय मूल की उनकी नानी सृक्षा तंजानिया के रास्ते ब्रिटेन आई थीं.

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सुनक ने वीडियो में कहा, ''वह युवा महिला ब्रिटेन आई, यहां उसे नौकरी मिल गई, लेकिन अपने पति और संतान को यहां लाने का इंतजाम करने के लिए उन्हें एक साल तक पैसे जोड़ने पड़े। उनमें से एक संतान मेरी मां थीं, जिनकी उम्र तब 15 साल थी.''

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उन्होंने कहा, ''मेरी मां ने कड़ी मेहनत से पढ़ाई कर फार्मेसिस्ट की डिग्री हासिल की. राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा में उनकी मुलाकात मेरे पिता से हुई और वे साउथहैम्पटन में बस गए. उनकी कहानीं यहीं खत्म नहीं होती. हालांकि मेरी कहानी यहीं से शुरू होती है. ''

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उन्होंने अपने पिता यशवीर और मां ऊषा के साथ एक तस्वीर भी साझा की, जिसमें युवा सुनक अपने भाई-बहनों के साथ दिख रहे हैं.

इस बीच, पूर्व बैरिस्टर स्वेला ब्रेवरमैन कंटरवेटिव पार्टी की ब्रेक्जिट शाखा से संबंध रखती हैं, जिन्होंने ब्रिटेन को यूरोप से अलग करने में अग्रणी भूमिका निभाई थी. इसके अलावा वह ब्रिटेन को यूरोपीय मानवाधिकार अदालत से बाहर निकलवाने में भी आगे रही हैं.

ब्रेवरमैन ने अपने वीडियो में मॉरिशियस में रहने वाली अपनी मां और गोवा के निवासी पिता के केन्या से ब्रिटेन प्रवास करने के बारे में बताया है.

साउथ ईस्ट इंग्लैंड की फेरहेम सीट से सांसद ब्रेवरमैन ने कहा, ''वे ब्रिटेन से प्यार करते हैं. इसने उनमें उम्मीद जगाई. इसने उन्हें सुरक्षा प्रदान की. इस देश ने उन्हें अवसर प्रदान किए. मुझे लगता है कि मेरी पृष्ठभूमि वास्तव में राजनीति के प्रति मेरे दृष्टिकोण की सूचक है.''

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