बांग्लादेश ने जारी की नई करेंसी, नोटों पर मुजीब की जगह अब हिंदू और बौद्ध मंदिरों की तस्वीरें

बांग्‍लादेश में नई मुद्रा जारी की गई है और रविवार को नए नोटों की एक झलक सेंट्रल बैंक, बांग्‍लादेश बैंक की तरफ से जारी की गई है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नई दिल्‍ली:

बांग्‍लादेश में रविवार को नए बैंक नोट जारी किए गए हैं. इन नोटों पर से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता और देश के संस्‍थापक राष्‍ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की तस्‍वीर को हटा दिया गया है. मुजीबुर रहमान ने सन् 1971 में देश को पाकिस्‍तान से आजाद कराने में बड़ी भूमिका अदा की थी. सन् 1975 में सैनिकों ने उनकी हत्‍या कर दी थी और उनके परिवार के भी ज्‍यादातर सदस्‍यों को मौत के घाट उतार दिया था. नए नोटों पर देश के पारंपरिक स्थलों को भी जगह मिली है.   

सेंट्रल बैंक ने जारी किया बयान 

बांग्लादेश बैंक के प्रवक्ता आरिफ हुसैन खान ने न्‍यूज एजेंसी एएफपी को बताया, 'नई सीरीज और डिजाइन के तहत नोटों पर किसी भी इंसान की फोटो नहीं होगी बल्कि इसकी जगह प्राकृतिक परिदृश्य और पारंपरिक स्थल नजर आएंगे. ' बैंक ने नौ अलग-अलग मूल्यवर्गों में से तीन नोट रविवार को जारी किए गए. खान ने बताया, 'नए नोट सेंट्रल बैंक के हेडक्वार्टर से और बाद में देश भर के बाकी ऑफिसेज से जारी किए जाएंगे.' उनका कहना था कि नई करेंसी डिजाइन से व्‍यक्तियों पर से ध्‍यान पूरी तरह से हट जाएगा. 

एक-एक करके जारी होंगे नोट 

बांग्लादेश के नए बैंक नोटों में हिंदू और बौद्ध मंदिरों के साथ-साथ ऐतिहासिक महलों की तस्वीरें भी शामिल होंगी. इनमें दिवंगत पेंटर जैनुल आबेदीन की कलाकृति भी शामिल होगी जिसमें ब्रिटिश शासन के दौरान बंगाल के अकाल को दिखाया गया है. एक और नोट में पाकिस्तान के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में जान गंवाने वाले लोगों के सम्मान में राष्‍ट्रीय शहीद स्मारक दिखाया जाएगा. नोटों के बाकी मूल्यवर्ग को एक-एक करके जारी किया जाएगा. 

यह पहली बार नहीं है कि बदलती राजनीति को ध्यान में रखते हुए नोटों के डिजाइन में बदलाव किया गया है. सन् 1972 में बांग्लादेश ने अपना नाम पूर्वी पाकिस्तान से बदलने के बाद कुछ नोटों को जारी किया था जिसमें एक नक्शा था. बाद के नोटों में शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर थी जो अवामी लीग का नेतृत्व करते थे. इस पार्टी का नेतृत्व हसीना ने अपने 15 साल के कार्यकाल के दौरान किया था. 

हसीना पर आरोप! 

पिछले साल अगस्त में विवादास्पद कोटा सिस्‍टम की वजह से बांग्‍लादेश में काफी बवाल हुआ था. छात्रों ने इसे लेकर बड़े पैमान पर विरोध प्रदर्शन किया और शेख हसीना को अपनी सत्‍ता गंवानी पड़ गई थी. हिंसा भड़कने के बाद उन्हें भागने के लिए मजबूर होना पड़ा और वह भारत आ गईं. रविवार को शेख हसीना पर पिछले साल देशव्यापी विद्रोह के दौरान सामूहिक हत्याओं का आदेश देने के लिए मानवता के खिलाफ अपराध का औपचारिक आरोप लगाया गया. लाइव हियरिंग के दौरान अंतरराष्‍ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) के चीफ प्रॉसिक्‍यूटर मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने कहा कि हिंसा 'योजनाबद्ध और समन्वित' थी न कि यह एक सहज प्रतिक्रिया थी. 

Featured Video Of The Day
Zubeen Garg Death Case: अब तक नहीं सुलझी मौत की गुत्थी, परिवाल ने दिया अल्टीमेटम | Khabron Ki Khabar