Pakistan में सैन्य ठिकानों की अमेरिकी मांग से कभी सहमत नहीं रहा : इमरान खान

पाकिस्तान (Pakistan) के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने कहा है कि सत्ता में रहते हुए वह पड़ोसी देश अफगानिस्तान (Afghanistan) से अमेरिकी सैनिकों की निकासी के बाद उन्हें देश में सैन्य ठिकाने दिए जाने संबंधी अमेरिकी मांग से कभी भी सहमत नहीं रहे.

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इमरान खान को पिछले महीने अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सत्ता से बाहर कर दिया गया था. 
इस्लामाबाद:

पाकिस्तान (Pakistan) के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने कहा है कि सत्ता में रहते हुए वह पड़ोसी देश अफगानिस्तान (Afghanistan) से अमेरिकी सैनिकों की निकासी के बाद उन्हें देश में सैन्य ठिकाने दिए जाने संबंधी अमेरिकी मांग से कभी भी सहमत नहीं रहे. एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आयी है. क्रिकेटर से राजनेता बने 69 वर्षीय खान को पिछले महीने अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सत्ता से बाहर कर दिया गया था. खान ने विपक्षी दलों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने को साजिश करार देते हुए इसके पीछे अमेरिका का हाथ होने का आरोप लगाया था.

डॉन अखबार की खबर के मुताबिक, विदेश में रहने वाले पाकिस्तानियों को संबोधित करते हुए खान ने एक वीडियो संदेश में कहा कि अमेरिका, पाकिस्तान में ठिकाना चाहता था ताकि अफगानिस्तान में आतंकवादी गतिविधियां होने की सूरत में वह यहां से जवाबी हमले कर सके. खान ने दावा किया कि ये उन्हें बिल्कुल स्वीकार्य नहीं था. उन्होंने कहा कि अमेरिका के नेतृत्व में 'आतंक के खिलाफ युद्ध' में पाकिस्तान पहले ही 80,000 लोगों की जान गंवा चुका है और फिर भी पाकिस्तान के बलिदान की कभी सराहना नहीं की गई. पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि सराहना के बजाय कई अमेरिकी नेता इसके लिए पाकिस्तान पर आरोप मढ़ते रहे.

रिपोर्ट के मुताबिक, खान ने कहा, ''पहले उन्होंने हम पर आरोप मढ़े, हमारी सराहना नहीं की. हमारे देश और इसके आदिवासी इलाकों को तबाह कर दिया गया और अब (वे) फिर से ठिकाना मांग रहे हैं. मैं इस पर कभी सहमत नहीं हुआ और फिर वहां से (हमारे बीच) समस्याएं शुरू हुईं.''




 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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