नेपाल के विपक्षी दल देउबा के नेतृत्व में सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे,ओली भी मैदान में डटे

सरकार बनाने का दावा लेकर विपक्षी गठबंधन के नेता नई सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के आधिकारिक आवास पर पहुंचे. नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने भी सरकार बनाने का दावा पेश किया है.

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Prime Minister of Nepal KP Sharma Oli ने भी दावा पेश किया
काठमांडू:

नेपाल के विपक्षी दलों ने पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा (Former Prime Minister Sher Bahadur Deuba) के नेतृत्व में नई सरकार बनाने का दावा पेश करने का फैसला किया है. इसके बाद इस देश में चल रहे राजनीतिक संकट के हालात में नया मोड़ आ गया है.नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली (Prime Minister of Nepal KP Sharma Oli) ने भी सरकार बनाने का दावा पेश किया है. उन्होंने सीपीएन-यूएमएल के 121, जनता समाजवादी पार्टी के 32 और कुछ अन्य छोटे दलों के समर्थन पत्र के साथ राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से मुलाकात की. ओली का दावा है कि वो इन दलों के समर्थन से संसद में बहुमत साबित कर देंगे.

विपक्षी गठबंधन के नेता नई सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के आधिकारिक आवास पर पहुंचे. नेपाली कांग्रेस (एनसी), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओइस्ट सेंटर), जनता समाजवादी पार्टी (जेएसपी) के उपेंद्र यादव नीत धड़े और सत्तारूढ़ सीपीएन-यूएमएल के माधव नेपाल नीत धड़े समेत विपक्षी गठबंधन ने प्रतिनिधि सभा में 149 सदस्यों का समर्थन होने का दावा किया है. नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रकाश मान सिंह ने यह जानकारी दी.

‘माई रिपब्लिका' के अनुसार इन सदस्यों में नेपाली कांग्रेस के 61, सीपीएन (माओइस्ट सेंटर) के 48, जेएसपी के 13 और यूएमएल के 27 सदस्यों के शामिल होने का दावा किया गया है. ‘हिमालयन टाइम्स' की खबर के अनुसार विपक्षी गठबंधन के नेता 149 सांसदों के हस्ताक्षर के साथ सरकार बनाने का दावा करने वाला पत्र राष्ट्रपति को सौंपने के लिए उनके सरकारी आवास ‘शीतल निवास'पहुंचे. इस पत्र में शेर बहादुर देउबा को प्रधानमंत्री बनाने की सिफारिश की गई है. देउबा (74) नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और चार बार नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. वह 1995 से 1997 तक, 2001 से 2002 तक, 2004 से 2005 तक और 2017 से 2018 तक इस पद पर रहे हैं।

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देउबा 2017 में आम चुनावों के बाद से विपक्ष के नेता हैं. राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने राजनीतिक दलों को नयी सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए शुक्रवार शाम 5 बजे तक का समय दिया था.सरकार ने गुरुवार को राष्ट्रपति भंडारी से सिफारिश की थी कि नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 76 (5) के अनुरूप नयी सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाए क्योंकि प्रधानमंत्री 
ओली को 10 मई को उनके दोबारा चुनाव के बाद प्रतिनिधि सभा में 30 दिन के अंदर बहुमत साबित करना था. 

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