- नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों का पंजीकरण न कराने पर 26 प्रमुख मंचों पर प्रतिबंध लगा दिया है.
- फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम और X सहित कई कंपनियों ने समय सीमा के अंदर रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है.
- सोशल मीडिया प्रतिबंध से नाराज युवाओं ने व्यापक आंदोलन शुरू किया, जिसमें आंसू गैस के इस्तेमाल और तीन मौतें हुईं
नेपाल की युवाओं ने आंदोलन छेड़ दिया है. 15-16 साल तक के बच्चे सड़क पर उतर आए हैं. नेपाल में हुए सोशल मीडिया बैन ने Gen-Z के अंदर वो गुस्सा पैदा कर दिया है जिसने अब पूरे नेपाल को अपनी जद में ले लिया है. संसद को उन्होंने घेर लिया है, प्रदर्शन इतना उग्र हो गया है कि सेना का बुलाना पड़ा है, युवाओं के उपर आंसू गैस तक दागा जा रहा है. प्रदर्शन के बीच 3 की मौत भी हो गई है. आंदोलन की शक्ल ले चुके इस असंतोष की शुरूआत नेपाल की केपी ओली सरकार द्वारा फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम और X जैसे 26 प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने से हुई.
चलिए आपको बताते हैं कि सरकार ने आखिर एक साथ 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बैन क्यों कर दिया है.
आखिर नेपाल में सोशल मीडिया बैन क्यों किया गया?
निर्धारित समय सीमा के भीतर IT मंत्रालय में रजिस्ट्रेशन नहीं कराने के लिए गुरुवार, 4 सितंबर को सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसी 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगा दिया. मंत्रालय द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि इन सोशल मीडिया कंपनियों को रिजस्ट्रेशन के लिए 28 अगस्त से सात दिन का समय दिया गया था.
मंत्रालय ने कहा कि बुधवार रात को जब समय सीमा समाप्त हो गई, तब भी किसी भी बड़े सोशल मीडिया मंच ने रिजस्ट्रेशन के लिए एप्लिकेशन जमा नहीं किया. उनमें मेटा (फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप), ‘अल्फाबेट (यूट्यूब), एक्स (पहले ट्विटर), ‘रेडिट' और ‘लिंक्डइन' शामिल हैं.
हालांकि ‘टिकटॉक, ‘वाइबर', ‘विटक', ‘निंबज' और ‘पोपो लाइव' अभी भी नेपाल में चल रहा है क्योंकि इन्होंने रजिस्ट्रेशन करा लिया था. इसके अलावा टेलीग्राम और ग्लोबल डायरी ने एप्लिकेशन डाला है और वे अप्रूवल की प्रक्रिया में हैं.
ओली सरकार का पीछे हटने से इनकार
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए रविवार को कहा कि “राष्ट्र को कमजोर किए जाने के प्रयास कभी बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे.” ओली ने सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के सम्मेलन में कहा कि पार्टी “हमेशा विसंगतियों और अहंकार का विरोध करेगी तथा राष्ट्र को कमजोर करने वाले किसी भी कार्य को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी.”
नेपाली अखबार ‘माई रिपब्लिका' की खबर के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि पार्टी सोशल मीडिया के खिलाफ नहीं है, “लेकिन इस बात को स्वीकार नहीं किया जा सकता कि जो लोग नेपाल में व्यापार कर रहे हैं, पैसा कमा रहे हैं, वे कानून का पालन नहीं करें.” ओली ने कहा, “देश की आजादी मुट्ठी भर लोगों की नौकरी जाने से कहीं ज्यादा अहम है. कानून की अवहेलना, संविधान की अवहेलना और राष्ट्रीय गरिमा, स्वतंत्रता एवं संप्रभुता का अनादर करना कैसे स्वीकार्य हो सकता है?”
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