नेपाल ने बताया भारत और चीन के साथ कैसे रखेगा विदेश नीति संतुलित, होने वाले हैं संसदीय चुनाव

नई दिल्ली और काठमांडू के बीच द्विपक्षीय संबंध नेपाली प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली की सरकार के तहत तनावपूर्व हो गए थे. ओली की सरकार 2020 में लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को नेपाल के क्षेत्रों के रूप में दिखाते हुए एक नया नक्शा लेकर आयी थी.

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काठमांडू:

नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाली अगली गठबंधन सरकार के तहत नेपाल (Nepal) , भारत (India) और चीन (China) के साथ अच्छे संबंध बनाए रखेगा, जो आगामी चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी. सत्ताधारी दल के एक शीर्ष नेता ने यह बात कही. नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रकाश मान सिंह ने यह भी कहा कि नेपाल को अपनी विदेश नीति में संतुलन बनाए रखने की जरूरत है और अगर उसके किसी पड़ोसी के साथ विवाद हैं, तो वह बातचीत और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से उन्हें हल करने की कोशिश करेगा.

सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा' को दिए एक साक्षात्कार में कहा, “हम गुटनिरपेक्ष विदेश नीति का पालन करेंगे. हम राष्ट्रीय हित और लोगों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए पड़ोसियों सहित सभी देशों के साथ अच्छे मैत्रीपूर्ण संबंध बरकरार रखेंगे.”

उन्होंने कहा, “हमें अपने देश के लिए विकास और आर्थिक समृद्धि प्राप्त करने के वास्ते सभी मित्र देशों से सहायता और सहयोग की आवश्यकता है.”

नई दिल्ली और काठमांडू के बीच द्विपक्षीय संबंध तत्कालीन नेपाली प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली की सरकार के तहत तनावपूर्व हो गए थे. ओली की सरकार 2020 में लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को नेपाल के क्षेत्रों के रूप में दिखाते हुए एक नया नक्शा लेकर आयी थी.

हुमला जिले के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मीडिया में चीन द्वारा नेपाली क्षेत्र का अतिक्रमण करने के बारे में लगातार खबरें आती रही हैं, जिसका काठमांडू में चीनी दूतावास द्वारा अक्सर खंडन किया गया है.

सिंह ने कहा, “अगर हमारा किसी पड़ोसी के साथ कोई विवाद है तो हम बातचीत और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के जरिए उसका समाधान निकालने की कोशिश करेंगे.”

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सिंह ने रेखांकित किया कि उनका पहला लक्ष्य आगामी चुनाव जीतना है.

प्रतिष्ठित काठमांडू-1 क्षेत्र से नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार सिंह ने कहा, “आगामी संसदीय चुनावों में नेपाली कांग्रेस सबसे बड़े दल के तौर पर उभरेगी और यह स्वाभाविक है कि सबसे बड़ा दल नयी सरकार का नेतृत्व करेगा.”

उन्होंने कहा कि नेपाली कांग्रेस ने चूंकि 2015 में शांति प्रक्रिया और नए संविधान का मसौदा तैयार किया था, अब संविधान के उचित कार्यान्वयन के माध्यम से आर्थिक क्रांति लाने का समय आ गया है और नेपाली कांग्रेस यह जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार है.

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उन्होंने कहा, “हम आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं और आर्थिक समृद्धि लाने की जरूरत है ताकि आम लोग लोकतंत्र का फायदा ले सकें और नेपाली कांग्रेस चुनाव के बाद अपना ध्यान उस दिशा में लगाएगी.”

उन्होंने कहा कि नेपाली इतिहास में पहली बार प्रांतीय सरकार के प्रावधान वाले संविधान को लागू करने के लिए आवश्यक कानून लाना महत्वपूर्ण है.

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उन्होंने कहा कि नेपाली कांग्रेस अपने सभी प्रयासों को आर्थिक एजेंडे की ओर निर्देशित करेगी ताकि लोग खुश रहें और देश समृद्ध हो.

नेपाल 20 नवंबर को होने वाले संसदीय चुनावों के दौरान प्रत्यक्ष मतदान के माध्यम से 165 संसद सदस्यों का चुनाव करेगा.

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नए संविधान की घोषणा के बाद यह दूसरा संसदीय और प्रांतीय स्तर का चुनाव होगा, जिसने देश को एक संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य में बदल दिया.

नेपाल की प्रतिनिधि सभा में कुल 275 सीटें हैं, जिनमें से 165 सदस्य सीधे चुने जाएंगे और शेष 110 आनुपातिक मतदान प्रणाली के माध्यम से चुने जाएंगे.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a press release)

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