हम हिंदू हैं, इसलिए निशाना बनाया जा रहा... ढाका के लोगों ने NDTV को बताया अपना दर्द; देखें Video

ढाका के कई लोगों ने एनडीटीवी रिपोर्टर अंकित त्यागी के सामने अपना दर्द बताते हुए कहा कि हमलावर खुलकर कह रहे हैं कि वो हिंदुओं पर हमला कर रहे हैं क्योंकि हम हिंदू हैं.

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  • NDTV से अपना दर्द बताते हुए ढाका में हिंदुओं ने कहा कि उन पर हमले हिंदू होने की वजह से ही हो रहे हैं
  • उन्होंने कहा कि हिंदुओं को बार-बार भारतीय एजेंट कहा जा रहा है और भारत चले जाने की धमकियां दी जा रही हैं
  • उन्होंने कहा कि हम भारतीय नहीं, बांग्लादेशी हिंदू हैं. मेरा जन्म इसी मिट्टी पर हुआ है और मैं यहीं मरूंगा
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हिंसा की आग में सुलग रहे बांग्लादेश में कई हिंदुओं ने अपनी आपबीती एनडीटीवी को बताई. ढाका के कई लोगों ने एनडीटीवी रिपोर्टर अंकित त्यागी के सामने अपना दर्द बताते हुए कहा कि हमलावर खुलकर कह रहे हैं कि वो हिंदुओं पर हमला कर रहे हैं क्योंकि हम हिंदू हैं. बांग्लादेशी हिंदुओं को बार-बार भारतीय एजेंट कहकर पुकारा जा रहा है और उन्हें भारत वापस जाने की धमकी दी जा रही है.

सामने आकर बोल भी नहीं पा रहे

बांग्लादेशी हिंदुओं में इस कदर डर है कि वो सामने आकर अपनी बात भी नहीं रख पा रहे हैं. अपनी पहचान गुप्त रखने की शर्त पर उन्होंने NDTV से बातचीत में बताया कि अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले पूरी तरह धार्मिक नफरत का नतीजा हैं. कट्टरपंथी संगठन दुनिया के सामने झूठ फैला रहे हैं कि वो केवल पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग के समर्थकों को निशाना बना रहे हैं. एक पीड़ित ने कहा कि हम किसी दल का समर्थन नहीं करते, लेकिन वो साफ कह रहे हैं कि हम पर हमला इसलिए हो रहे हैं क्योंकि हम हिंदू हैं. 

अल्पसंख्यकों के खिलाफ चल रहा अभियान

एक हिंदू निवासी ने NDTV से कहा कि वो कहते हैं कि हम पर हमला इसलिए कर रहे हैं क्योंकि हम हिंदू हैं, न कि इसलिए कि हम अवामी लीग का समर्थन करते हैं. हम किसी पार्टी का समर्थन नहीं करते, चाहे अवामी लीग हो या कोई और. लेकिन फिर भी हमें निशाना बनाया जा रहा है. अवामी लीग की बात तो सिर्फ बहाना है. असल में यह अल्पसंख्यकों के खिलाफ अभियान है.

भारतीय एजेंट कहकर किया जा रहा उत्पीड़न

हिंदू समुदाय के लोगों ने एनडीटीवी को बताया उनका बार-बार भारतीय एजेंट कहकर उत्पीड़न किया जा रहा है. उन्हें भारत लौट जाने की धमकियां दी जा रही हैं. एक स्थानीय निवासी ने भावुक होते हुए कहा, "हम भारतीय नहीं हैं, हम बांग्लादेशी हिंदू हैं. मेरा जन्म इसी मिट्टी पर हुआ है और मैं यहीं मरूंगा. लेकिन हमें अपने ही देश में दोयम दर्जे का नागरिक बनाकर रख दिया गया है." उनका कहना था कि मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार उन्हें सुरक्षा देने में पूरी तरह फेल रही है.

'इसी मिट्टी में पैदा हुए हैं, यहीं मरेंगे'

एक अन्य निवासी ने भी अपना दर्द बताते हुए कहा कि वो लोग हमें इंडियन कहते हैं और भारत चले जाने की धमकी देते हैं. लेकिन हम बांग्लादेशी हिंदू हैं. यहीं पैदा हुए हैं और यहीं मरेंगे. यह हमारा देश है. हिंदू समुदाय के लोगों ने NDTV से कहा कि उन्हें बांग्लादेश का नागरिक होने के बावजूद बराबरी का दर्जा नहीं दिया जाता है. लगातार भारत का एजेंट बताकर देश छोड़कर चले जाने को कहा जाता है.

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हिंदू बच्चों को भी नहीं बख्शा जा रहा

बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों ने एनडीटीवी को बताया कि पहले इस तरह के हालात नहीं थे. जब से शेख हसीना की सरकार गिरी है, स्थिति बहुत खराब हो गई है. एक अन्य निवासी ने कैमरे से चेहरा छिपाते हुए हुए बताया कि हिंदू बच्चों को भी नहीं बख्शा जा रहा है. हमारे बच्चों के साथ अलग व्यवहार किया जाता है. यहां तक कि हिंदू सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त भी किया जा रहा है. 

हिंदुओं को अब तारिक रहमान से उम्मीदें

बांग्लादेश में विकराल हालात के बीच अब स्थानीय अल्पसंख्यकों को हाल ही में निर्वासन से लौटे तारिक रहमान से उम्मीदें हैं. ढाका में हिंदू समुदाय को लग रहा है कि बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे रहमान अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे भेदभाव को रोकेंगे. 

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