NDTV की ग्राउंड रिपोर्ट : इज़रायली अस्पताल में पहुंच रहे बहुत ज़्यादा ज़ख्मी, मदद कर रहे वॉलंटियर

इज़रायली शहर एस्केलॉन में बार्ज़िलाई मेडिकल सेंटर में मौजूद वॉलंटियर ने बताया, "हमारे पास बहुत ज़्यादा ज़ख्मी लोग पहुंच रहे हैं, और इज़रायल में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ... हम ऐसे किसी हमले के लिए कतई तैयार नहीं थे, और उन्होंने (हमास ने) हमें भौंचक्का कर डाला..."

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इज़रायल के दक्षिण में मौजूद दो बड़े अस्पतालों में से एक एस्केलॉन में बना बार्ज़िलाई मेडिकल सेंटर है...

एस्केलॉन (इज़रायल):

इज़रायल के दक्षिण में मौजूद एक अस्पताल की पार्किंग में भारी अफरा-तफरी के बीच कुछ लोगों ने कियोस्क बना दिए हैं, और भोजन और पानी बांटने के साथ-साथ सभी को तसल्ली भी दे रहे हैं.

इज़रायल के दक्षिण में मौजूद दो बड़े अस्पतालों में से एक एस्केलॉन में बना बार्ज़िलाई मेडिकल सेंटर है. यहां की पार्किंग में ऊंची आवाज़ में सायरन बजातीं एम्बुलेंस प्रवेश करती हैं, जो हमास आतंकवादियों के साथ जारी युद्ध में ज़ख्मी हुए इज़रायली नागरिकों को ला रही हैं. समय से कहीं ज़्यादा वक्त तक काम करते पैरा-मेडिक ज़ख्मियों की तरफ दौड़ते हैं, उन्हें स्ट्रेचर पर डालते हैं और एमरजेंसी डिपार्टमेंट तक ले जाते हैं.

युद्ध से जूझ रहे इज़रायल में रिपोर्टिंग कर रही NDTV टीम ने भी अस्पताल पहुंचे लोगों से उनकी तकलीफों और दिक्कतों को समझने के लिए बातचीत की.

अस्पताल में मौजूद एक वॉलंटियर अविशग अविनोम ने NDTV को बताया, "हमास का हमला शुरू होने के बाद से अब तक दक्षिणी इज़रायल के दो अहम अस्पतालों - एस्केलॉन में बार्ज़िलाई और बीयर शेवा में सोरोका अस्पताल - में 2,000 से ज़्यादा ज़ख्मी पहुंच चुके हैं... चूंकि इन दोनों अस्पतालों का प्रशासन इतनी बड़ी तादाद में ज़ख्मियों को अटेंड नहीं कर सकता था, इसलिए सैकड़ों लोगों को येरूशलम या तेल अवीव के सेंट्रल अस्पतालों में भेज दिया गया..."

शनिवार तड़के सभी को भौंचक्का करते हुए हमास ने इज़रायली धरती पर ज़मीनी-हवाई-समुद्री हमला कर दिया था, जिसके बाद इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 'युद्ध के हालात' का ऐलान किया और सुरक्षाबलों को ग़ाज़ा इलाके पर हमला करने का आदेश दिया. एक ओर, हमास के आतंकवादी घर-घर जाकर नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों को मार डाल रहे थे या उन्हें अगवा कर ले रहे थे, जबकि दूसरी ओर इज़रायल ने भी ग़ाज़ा पट्टी की इमारतों पर जमकर बम बरसाए, और नेतन्याहू के इलाके को 'मलबे' में तब्दील कर देने के वादे को पूरा करने की कोशिश जारी रखी.

इस जंग में अब तक 1,500 से ज़्यादा लोग जान गंवा चुके हैं.

वॉलंटियर ने बताया, "हमारे पास बहुत ज़्यादा ज़ख्मी लोग पहुंच रहे हैं, और इज़रायल में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ... हम ऐसे किसी हमले के लिए कतई तैयार नहीं थे, और उन्होंने (हमास ने) हमें भौंचक्का कर डाला..."

वॉलंटियरों में ज़्यादातर युवक-युवतियां हैं, जो युद्ध के चलते दक्षिणी इज़रायल में फंसकर रह गए हैं.

अपनी मित्र ज़ायला ब्राउन के साथ बार्ज़िलाई में मौजूद वॉलंटियर एल फ्रीडमैन ने NDTV को बताया, "हम घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे थे... फिर हमें अपने दोस्तों के लापता होने की ख़बरें मिलनी शुरू हुईं..."

फिर ज़ायला ब्राउन ने बताया, "पूरे मुल्क में हर शख्स अपने मित्रों और परिवार को तलाश रहा है... हमें यह ख़बर भी नहीं है कि हमास के लोग उन्हें उठाकर ग़ाज़ा ले गए हैं, या वे कहीं छिप गए हैं..."

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ज़ायला ने कहा, "सैकड़ों लोग लापता हैं, जिनमें मेरे भी तीन करीबी दोस्त शामिल हैं... हम बहुत छोटा-सा मुल्क हैं, इसलिए हर किसी पर असर पड़ा है... बहुत दिल तोड़ देने वाला माहौल है..."

इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को 'मिडिल ईस्ट का नक्शा बदल डालने' की प्रतिज्ञा की, और इज़रायल ने ग़ाज़ा पट्टी पर हवाई हमले जारी रखे.

बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था, "हमास को अब मुश्किल और भयानक वक्त का तजुर्बा होगा... हम मिडिल ईस्ट का नक्शा बदलने जा रहे हैं... यह सिर्फ़ शुरुआत है... हम सब आपके साथ हैं और हम उन्हें ताकत से, पूरी ताकत से हराएंगे..."

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