अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अमेरिका से बाहर पहली बार किसी कॉमर्शियल साइट से रॉकेट लांच किया है. रविवार को ऑस्ट्रेलिया के स्पेस सेंटर से इस रॉकेट लांचिंग को बेहद ऐतिहासिक क्षण बताया जा रहा है. यह एर्नहेम स्पेस सेंटर से तीन योजनाबद्ध रॉकेट लांच में से एक है. इस रॉकेट के साथ मिनी हबल टेलीस्कोप जैसी तकनीक अंतरिक्ष में भेजी गई है. रॉकेट देर रात 350 किलोमीटर दूर प्रक्षेपित कराया गया. इक्वेटोरियल लांच ऑस्ट्रेलिया के सीईओ माइकल जोंस का कहना है कि यह हमारे लिए ऐतिहासिक क्षण था, खासकर ऑस्ट्रेलिया के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए.
जोंस की कंपनी ऑस्ट्रेलिया के सुदूर उत्तर में प्रक्षेपण केंद्र का परिचालन करती है और नासा के सहयोग से व्यावसायिक स्पेस लांच प्रोग्राम को आगे बढ़ा रही है. बारिश और हवाल के कारण कई बॉर इस रॉकेट लांच को टालना पड़ा. हालांकि रविवार को प्रक्षेपित इस रॉकेट सिस्टम में लगी तकनीक अल्फा सेन्ट्यूरी एबी सिस्टम्स से उत्पन्न एक्सरे किरणों का अध्ययन करेगी. अपनी कक्षा में स्थापित होने के बाद रॉकेट का पेलोड स्टार सिस्टम से डेटा इकट्ठा करेगा और फिर पैराशूट के जरिये ये धरती पर वापस लौटेगा.
मिशन की घोषणा करते हुए नासा के हेलियोफिजिक्स डिविजन के डायरेक्टर ने वाशिंगटन में कहा, हम सदर्न हेमीस्फीयर से महत्वपूर्ण वैज्ञानिक मिशन की लांचिंग को लेकर बेहद उत्साहित हैं. यहां से हम उन लक्ष्यों को हासिल कर पाएंगे जो अमेरिका से नहीं हो सकते.
अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी नासा हालांकि बजट के कारण अब निजी अंतरिक्ष एजेंसियों की मदद भी ले रही है. टेस्ला की स्पेसएक्स जैसी कंपनियों के साथ उसने इसके लिए समझौता कर रखा है. अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को चलाए रखने के लिए भी उसे काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.