पापुआ न्यू गिनी में भूस्खलन से 670 से अधिक लोगों की मौत होने की आशंका : संयुक्त राष्ट्र

भूस्खलन से एंगा प्राविंस में एक समय काफी हलचल भरा रहने वाला पहाड़ी गांव करीब पूरी तरह खत्म हो गया

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
पापुआ न्यू गिनी के एंगा प्राविंस के गांव में भूस्खलन के बाद लोग मलबे में शवों को तलाश रहे हैं.
पोर्ट मोरेस्बी (पापुआ न्यू गिनी):

पापुआ न्यू गिनी में बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ है जिसमें 670 से अधिक लोगों की मौत होने की आशंका है. सहायता कर्मियों को जीवित बचे गांवों के लोगों को तलाश करने में खतरनाक हालात का सामना करना पड़ रहा है. संयुक्त राष्ट्र (UN) के एक अधिकारी ने रविवार को समाचार एजेंसी एएफपी को यह जानकारी दी है.

एंगा प्राविंस में एक समय काफी हलचल भरा रहने वाला पहाड़ी गांव भूस्खलन से लगभग पूरी तरह खत्म हो गया है. शुक्रवार की सुबह तड़के भूस्खलन हुआ था. इसमें कई घर और उनके अंदर सो रहे लोग दब गए.

संयुक्त राष्ट्र माइग्रेशन एजेंसी के प्रतिनिधि सेरहान एक्टोप्राक ने कहा, "अनुमान है कि 150 से अधिक घर दब गए हैं." उन्होंने कहा कि, "670 से अधिक लोगों को मृत मान लिया गया है."

पोर्ट मोरेस्बी के इमरजेंसी वर्कर्स की टीमों की देखरेख करने वाले एक्टोप्राक ने कहा, "हालात भयानक है क्योंकि जमीन अभी भी खिसक रही है. पानी बह रहा है और इससे इसमें शामिल सभी लोगों के लिए बड़ा खतरा पैदा हो रहा है."

दुर्गम स्थान, टूटी सड़कें और आसपास जनजातीय हिंसा के कारण आपदा प्रभावित क्षेत्र में मदद के प्रयासों में गंभीर बाधाएं आ रही हैं. माउंट मुंगालो में भूस्खलन को दो दिन से अधिक समय बीत गया है. वहां नंगे पैर कीचड़ में लथपथ ग्रामीण अभी भी फावड़े, कुल्हाड़ी और अन्य उपकरणों का उपयोग करके अपने प्रियजनों की तलाश कर रहे हैं.

डिजास्टर वर्कर ओमर मोहम्मद रविवार को घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने वहां देखा कि गहरी तरह "आहत" ग्रामीण "फंसे हुए शवों को खोजने के लिए लाठियों और कुदालों" का इस्तेमाल कर रहे हैं.

बड़े पैमाने पर विनाश 

ओमर मोहम्मद ने एएफपी को बताया, "स्थिति वास्तव में भयानक है, लोग सदमे में हैं. जमीन अभी भी खिसक रही है. आप पहाड़ से चट्टानें गिरते हुए देख सकते हैं." 

Advertisement

सहायता एजेंसियों का अनुमान है कि आपदा से 1000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं, खाद्य पदार्थ और पानी की सप्लाई लगभग पूरी तरह से रुक गई है. सहायता एजेंसियों और स्थानीय नेताओं को शुरू में आशंका थी कि करीब चार फुटबॉल मैदानों के बराबर इलाके में फैले कीचड़ और मलबे के नीचे दबकर 100 से 300 लोग मारे गए हैं.

एक्टोप्राक ने कहा, लेकिन जब स्थानीय नेताओं और आपदा कार्यकर्ताओं को एहसास हुआ कि आधिकारिक आंकड़ों में जनसंख्या को कम आंका गया है, तो मरने वालों की संख्या बढ़ गई.

Advertisement

शनिवार की रात तक मलबे से पांच शव और छठे मृतक का पैर निकाला जा चुका था. पास के पोरगेरा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष निकसन पाकिया ने शनिवार को एएफपी को बताया कि, "नुकसान बड़े पैमाने पर हुआ है." उन्होंने कहा कि, "शवों को निकालने के लिए मशीनरी और अन्य उपकरणों की जरूरत है. हम एक बड़ी समस्या का सामना कर रहे हैं."

Featured Video Of The Day
Parliament Session: 'देश कभी कांग्रेस को माफ नहीं करेगी' संसद हंगामे पर Shivraj Singh Chouhan
Topics mentioned in this article