भारत के साथ विवाद के बीच मालदीव को चीन से मिलेगी मुफ्त सैन्य सहायता, समझौते पर हस्ताक्षर

चीन ने मालदीव के साथ मुफ्त सैन्य सहायता प्रदान करने के लिए एक रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. दोनों देशों के बीच किन-किन चीजों के लिए रक्षा सहयोग समझौता हुआ है, इसका विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है.

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चीन ने मालदीव को 12 इको फ्रेंडली एम्बुलेंस भी उपहार में दी...
माले:

मालदीव और चीन की नजदीकियां बढ़ती जा रही हैं. राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू द्वारा अपने द्वीप राष्ट्र से भारतीय सैन्य कर्मियों के पहले समूह की वापसी के लिए समय सीमा तय करने के कुछ हफ्तों बाद, चीन ने सोमवार को मालदीव के साथ "मजबूत" द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने की और एक कदम उठाया. चीन ने मालदीव के साथ मुफ्त सैन्य सहायता प्रदान करने के लिए एक रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.

मालदीव के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन मौमून ने दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करने के लिए चीन के अंतर्राष्ट्रीय सैन्य सहयोग कार्यालय के उप निदेशक मेजर जनरल झांग बाओकुन से मुलाकात की. मालदीव के रक्षा मंत्रालय ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया, "मौमून और मेजर जनरल बाओकुन ने मालदीव गणराज्य को मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए चीन के सैन्य सहायता के प्रावधान पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए."

चीन का मालदीव को 12 इको-फ्रेंडली एम्बुलेंस का उपहार

हालांकि, मालदीव और चीन के बीच किन-किन चीजों के लिए रक्षा सहयोग समझौता हुआ है, इसका विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है. इस बीच, Edition.mv समाचार पोर्टल ने बताया कि चीन ने मालदीव को 12 इको-फ्रेंडली एम्बुलेंस भी उपहार में दी हैं. रविवार को स्वास्थ्य मंत्रालय में आयोजित एक समारोह में मालदीव में चीनी राजदूत वांग लिक्सिन ने मालदीव को एम्बुलेंस का उपहार देने वाला पत्र सौंपा.

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श्रीलंका ने नहीं दी थी चीनी जहाज को रुकने की इजाजत

चीनी सैन्य प्रतिनिधिमंडल की यात्रा माले द्वारा एक हाईटेक चीनी रिसर्च शिप जियांग यांग होंग 03 को बंदरगाह पर रुकने की अनुमति देने के कुछ दिनों बाद हुई. 5 जनवरी को श्रीलंका ने उसी जहाज को प्रवेश देने से इनकार करते हुए कहा था कि उसने अपने पड़ोस में चीनी जासूसी जहाजों के रुकने और महासागरों से डेटा एकत्र करने पर भारत की चिंताओं के बीच अपने जल क्षेत्र में प्रवेश करने वाले विदेशी अनुसंधान जहाजों पर एक साल के लिए रोक लगाने की घोषणा की है. इसमें हिंद महासागर क्षेत्र में सैन्य उद्देश्यों के लिए, विशेष रूप से पनडुब्बी संचालन के लिए भी शामिल है.

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चीन के 'जासूसी' जहाज का मालदीव ने किया बयाव

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पहले मालदीव में चीनी रिसर्च शिप द्वारा बंदरगाह पर रुकने का बचाव करते हुए कहा था, "प्रासंगिक जल में चीन की वैज्ञानिक अनुसंधान गतिविधियां शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए हैं और इसका उद्देश्य समुद्र के बारे में मानवता की वैज्ञानिक समझ में योगदान देना है." मालदीव में चीनी सैन्य प्रतिनिधिमंडल की यात्रा भारत द्वारा पुष्टि किए जाने के कुछ दिनों बाद हो रही है कि तकनीकी विशेषज्ञों की उसकी पहली नागरिक टीम देश में लेटेस्‍ट हल्के हेलीकॉप्टर का संचालन करने वाले सैन्य कर्मियों की जगह लेने के लिए द्वीप राष्ट्र में पहुंच गई है.

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चीन के समर्थक हैं मुइज्‍जू 

राष्ट्रपति मुइज्जू, जिन्हें व्यापक रूप से चीन समर्थक नेता के रूप में देखा जाता है, उन्‍होंने अपने देश से भारतीय सैन्य कर्मियों के पहले समूह की वापसी के लिए 10 मार्च की समय सीमा तय की है. इसके बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने 29 फरवरी को अपनी वीकली मीडिया ब्रीफिंग में नई दिल्ली में कहा था कि लेटेस्‍ट हल्के हेलीकॉप्टर को संचालित करने के लिए तकनीकी कर्मियों की पहली टीम मालदीव पहुंच गई है. यह उन मौजूदा कर्मियों की जगह लेगी जो इस प्लेटफॉर्म का संचालन कर रहे थे.

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पिछले साल नवंबर में मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में कुछ तनाव आ गया था. राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद मुइज्जू ने कहा कि वह भारतीय सैन्य कर्मियों को अपने देश से बाहर निकालने के अपने चुनावी वादे को निभाएंगे.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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