श्रीलंका (Srilanka) के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने बृहस्पतिवार को कहा कि द्वीप राष्ट्र भारत के साथ व्यापक आर्थिक सहयोग में तेजी लाने पर विचार कर रहा है. इसमें पर्यटन क्षेत्र अहम रहेगा. भारतीय कंपनी आईटीसी होटल्स की पहली विदेशी संपत्ति आईटीसी रत्नादीपा के यहां उद्घाटन समारोह में विक्रमसिंघे ने कहा कि एक उभरते हुए आर्थिक दिग्गज के रूप में भारत की स्थिति और एक रणनीतिक लॉजिस्टिक्स केंद्र के रूप में श्रीलंका की स्थिति दोनों अर्थव्यवस्थाओं को आगे बढ़ाने में एक-दूसरे के पूरक होंगे.
विक्रमसिंघे ने कहा, "मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह (आईटीसी रत्नादीपा) श्रीलंका में पर्यटन को बढ़ाने में मदद करेगा, खासकर भारत से... यह उस बयान के अनुरूप है जिस पर प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी और मैंने पिछले साल हस्ताक्षर किए थे ..."
दोनों देशों को अधिक सहयोग से होने वाले लाभ उन्होंने कहा, "भारत अब उभरते आर्थिक दिग्गजों में से एक है और हम (श्रीलंका) लॉजिस्टिक्स के मामले में भारत के बाद एक महत्वपूर्ण स्थान पर हैं."
पर्यटन क्षेत्र पर खासतौर पर विक्रमसिंघे ने कहा, "मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि कई वर्षों तक, श्रीलंका छुट्टियां बिताने के लिए उपयुक्त स्थान रहेगा. आने वाले समय में बेंगलुरु, चेन्नई या हैदराबाद में किसी व्यक्ति के लिए विमान के जरिए यहां आना भारत के उत्तरी हिस्से में जाने से अधिक आसान होगा." आईटीसी का नया होटल किसी भी भारतीय कंपनी द्वारा श्रीलंकाई आतिथ्य क्षेत्र में सबसे बड़े निवेश (करीब 3,000 करोड़ रुपये) में से एक है.
इसका जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि यह दुनिया के अन्य हिस्सों से कई अन्य होटल, कई अन्य कंपनियों को यहां आने और निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगा."
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